समुद्र के खारे पानी का रहस्य अब रहस्य नहीं रहा

 

वैसे तो धरती पर आधे से ज्यादा हिस्सा पानी से लबालब है, लेकिन फिर भी धरती पर पीने के पानी की आज भी कमी है, क्योंकि आधे से अधिक पानी में इतना नमक है कि उसे पिया नहीं जा सकता, क्या आपने कभी सोचा है, कि समुद्र का पानी खारा क्यों होता है ? जबकि शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान विष्णु जिस सागर में निवास करते है वह मीठे पानी व दूध से निर्मित सागर है, जिसे क्षीरसागर के नाम से जाना जाता है. लेकिन हकीकत में देखा जाए तो इस पृथ्वी पर जितने भी समुद्र है सभी का पानी खारा है. क्या आप जानते है समुद्र के खारे पानी के होने का क्या कारण है? क्योंकि पौराणिक मान्यता है कि महाराजा पृथु के पुत्रों ने जिस सात समुद्र का निर्माण किया था वह सभी मीठे पानी व दूध की भांति थे. समुद्र के पानी का खारा होने के पीछे एक पौराणिक रहस्य है आइये जानते है.

इस कथा के अनुसार जब माता पार्वती भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या कर रही थी, तो उनकी तपस्या के प्रभाव से तीनों लोक कांपने लगे, जिससे भयभीत होकर सभी देवता एकत्र होकर इस विषय में विचार विमर्श करने लगे. किन्तु समुद्र देव माता पार्वती की सुन्दरता पर मोहित हो चुके थे जिसके वशीभूत होकर उन्होंने अपने विचार सभी देवताओं के समक्ष रखे और भगवान शिव के विषय में भला-बुरा कहने लगे. समुद्र देव की इस बात के लिए भगवान शिव व सभी देवताओं ने उन्हें क्षमा कर दिया. जिसके कारण समुद्रदेव का अहंकार और अधिक बढ़ गया और वह माता पार्वती के समक्ष उपस्थित हो गए और उनके समक्ष विवाह प्रस्ताव रखा, पर माता पार्वती ने उनके इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया.

जिससे समुद्रदेव को बहुत क्रोध आया और अपने अहंकार के वशीभूत होकर उन्होंने भगवान शिव के विषय में माता पार्वती से खूब भला-बुरा कहा व भगवान शिव को श्मशान निवासी, अघोरी, भस्मधारी आदि नामों से संबोधित कर माता पार्वती से अपने निर्णय को बदलने के लिए कहा. और कहा कि उसका समुद्र मीठे पानी व दूध से भरपूर है जिसकी वजह से वह माता पार्वती को पत्नी बनाने का आधिकारी है. समुद्रदेव के कथनों को सुनकर माता पार्वती को बहुत क्रोध आया और उन्होंने समुद्रदेव को श्राप दिया कि उसे जिस मीठे व दूध जैसे पानी पर अभिमान है वह जल खारा हो जाए और किसी के पीने योग्य न रहे. इसी वजह से सभी समुद्रों का पानी खारा है.

आदिकाल में दिए गए कुछ ऐसे श्राप जिन्हे आज भी याद किया जाता है

महाभारत में आखिर कैसे हुई धृतराष्ट्र, गांधारी व कुंती की मृत्यु

इस चमत्कारी मंदिर में स्नान करने से व्यक्ति होता है रोग मुक्त

तो ये थे भगवान विष्णु के अवतार विठोबा के परम भक्त

Related News