नई दिल्ली: चिकित्सा के लिए इस वर्ष का नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वालों ने उम्मीद जताई है कि अगले कुछ सालों में कैंसर के इलाज में काफी प्रगति की संभावनाएं हैं। यहां बता दें कि आशंका है कैंसर को जड़ से कभी खत्म उन्मूलन नहीं किया जा सकेगा। वहीं यूनाइटेड स्टेट के जेम्स एलिसन और जापान के त्सुकु होन्जो ने गुरुवार को एक सम्मेलन में अपने विचार रखे थे। वहीं बता दें कि दोनों के लिए सोमवार को नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इन्हें अभी 9,99,000 डॉलर की पुरस्कार राशि भी प्राप्त होनी है। स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शन: मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इंकार इसके साथ ही दोनों को अक्टूबर महीने में इम्यूनोथेरेपी पर बेहतरीन काम करने के लिए नोबल पुरस्कार देने के लिए चुना गया था। वहीं बता दें कि ये इम्यूनोथेरेपी, ट्यूमर से लड़ने के लिए शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को एक्टिवेट करती है। साथ ही सम्मेलन में एलिसन ने कहा जल्द ही हम मेलेनोमा समेत कुछ अन्य तरह के कैंसर के इलाज की पद्धति में काफी प्रगति प्राप्त कर लेंगे। वहीं उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि शायद कैंसर मुक्त दुनिया की परिकल्पना कभी संभव नहीं होगी। साहित्यकार और वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री पं. श्यामलाल चतुर्वेदी का निधन यहां बता दें कि उनके बयान पर अन्य विशेषज्ञों की राय है कि दुर्भाग्यवश अब भी कई अपरिवर्तनीय प्रकार के कैंसरों का उचित मूल्यांकन किया जाना बाकी है। वहीं विशेषज्ञों के अनुसार जीवनशैली में थोड़ा परिवर्तन कर कई तरह के कैंसरों से बचा जा सकता है। सिगरेट का त्याग, भोजन में सुधार, व्यायाम और एचपीवी वैक्सीन लेने वाले लोगों की संख्या बढ़ाकर यह संभव हो सकता है। खबरें और भी हॉकी विश्व कप: स्पेन से ड्रॉ खेलकर क्वार्टरफाइनल तक पहुंचा न्यूजीलैंड राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला का इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं, चुनाव से पहले ही बना देंगे- वेदांती सबरीमाला मामले में सुरक्षा व्यवस्था पर नहीं होगी त्वरित सुनवाई सुप्रीम कोर्ट