15 की जाए अखाड़ों की संख्या, महाकुंभ में वैष्णव किन्नर अखाड़ा भी लगेगा-महामंडलेश्वर हिमांगी सखी

नई दिल्ली: वैष्णव किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी मां ने कहा है कि वर्तमान समय की आवश्यकता को देखते हुए अखाड़ों की संख्या को बढ़ाकर 15 किया जाना चाहिए, जिसमें किन्नर अखाड़ा और वैष्णव किन्नर अखाड़े को भी मान्यता मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि आदिशंकराचार्य ने पहले चार अखाड़ों की स्थापना की थी, जिसके बाद यह संख्या क्रमशः आठ, 12 और अब 13 तक पहुंच गई है। 

हिमांगी सखी ने मंगलवार को प्रेस क्लब में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि इस बार महाकुंभ में अर्द्धनारीश्वर थाम का शिविर भी लगेगा, जहां किन्नर समुदाय के लोग सेवा करते हुए नजर आएंगे। उन्होंने बताया कि अखाड़े में चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी और महाकुंभ में सफाई अभियान भी चलाया जाएगा। विभिन्न भाषाओं में कथा, सत्संग और भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भटके हुए युवाओं की घर वापसी का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए देश और विदेश के कई युवाओं को निमंत्रण भेजा गया है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने सनातन धर्म छोड़कर ईसाई या इस्लाम धर्म अपनाया है।

उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ के "बंटेंगे तो कटेंगे" के संदेश का अनुसरण करते हुए किन्नर अखाड़ा एकजुट है। हालांकि, किन्नर अखाड़े के लोग अलग-अलग समूहों में कार्यरत हैं, लेकिन वे सभी एकजुट हैं और कोई भी ताकत उन्हें अलग नहीं कर सकती। हिमांगी सखी ने यह भी घोषणा की कि वैष्णव किन्नर अखाड़े की पेशवाई (नगर प्रवेश) 30 नवंबर को होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सृष्टि की शुरुआत में भगवान ब्रह्मा ने सबसे पहले किन्नरों की उत्पत्ति की थी, जो उनके समुदाय की विशेषता को दर्शाता है।

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