एलडीए की जनता अदालत में गुरुवार को प्राधिकरण के ओएसडी और PPS अफसर ने बुजुर्ग फरियादी ने थप्पड़ भी जड़ डाले। इससे जनता अदालत में हंगामा शुरू हो गया है। कोयला मंडी, ऐशबाग निवासी बुजुर्ग मुकेश शर्मा ने प्राधिकरण के OSD डीके सिंह के विरुद्ध गोमतीनगर थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग भी की गई है, वहीं एलडीए उपाध्यक्ष ने मामले की जांच के आदेश भी जारी कर दिए गए है। PCS अफसर ने थप्पड़ मारने से मना कर दिया। फरियादी कला बोलना था कि एक तो प्राधिकरण उनकी समस्या हल नहीं कर पा रहा है, उल्टे अफसर ने उसकी पिटाई भी कर डाली। जनता अदालत में पहुंचे बुजुर्ग मुकेश शर्मा ने अपने घर के पास हो रहे अवैध निर्माण के साथ अपने मकान पर भू माफिया के कब्जे की शिकायत भी कर दी है। जब वह फरियाद लेकर पहुंचे, तब जनता अदालत में बड़े अफसर नहीं रहे है। कहा गया है कि उपाध्यक्ष और अपर सचिव इस बीच बैठक में हैं। मुकेश को मौजूद अफसरों ने बताया कि उनकी समस्या हल हो चुकी है, मगर वह संतुष्ट नहीं थे। इस बीच वहां एलडीए के ओएसडी डीके सिंह बैठे थे। OSD ने उन्हें योजना का काम देखने वाले नजूल अधिकारी के पास जाने को बोला है। इस पर मुकेश शर्मा नाराज हो गए। उनका बोलना था कि वह अपने मकान से अवैध कब्जा हटाने के लिए 19 सालों से भटक रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पा रही थी। फरियादी मुकेश का आरोप है कि तभी OSD डीके सिंह ने उन्हें दो थप्पड़ भी जड़ दिए। जबकि डीके सिंह घटना से इनकार करते हुए इल्जामों को निराधार बताया। इस मध्य उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा भी पहुंच चुके है। उपाध्यक्ष ने बुजुर्ग की समस्या सुनकर अफसरों को घटनास्थल पर भेजा तो नजूल अधिकारी अरविंद त्रिपाठी को संबंधित मकान सील मिला। 2018 में मुकेश शर्मा के मकान की रजिस्ट्री हुई थी: हंगामा के उपरांत मीडिया की पड़ताल पता चला कि LDA ने मुकेश शर्मा को 2004 में आजाद नगर योजना के सेक्टर B में भूखंड 153 ए आवंटित भी कर दिया है। बाद में इस पर मुन्ना नामक व्यक्ति ने निर्माण भी किया जा चुका है। LDA ने 23 अप्रैल 2010 को इसे ध्वस्त करने का आदेश भी कर दिया था । मगर इसकी रजिस्ट्री नहीं हुई। 29 जनवरी 2014 को मुकेश ने अवैध निर्माण गिराने के आदेश के लिए प्रार्थना पत्र दिया। उच्च न्यायालय में याचिका भी दाखिल की। इसमें भूखंड की रजिस्ट्री अपने पक्ष में करने की अपील की। अदालत ने तीन माह में प्रकरण निस्तारण का आदेश किया था। आदेश का अनुपालन न होने पर अवमानना याचिका दायर की जा चुकी है। 29 सितंबर 2015 को मुकेश ने एक शपथ पत्र दिया, जिसमें बोला था कि इनका अवैध कब्जेदार मुन्ना से सुलहनामा हो गया है। इस वजह से उन्होंने अवमानना याचिका वापस लिया है, इनके पक्ष में रजिस्ट्री की जानी चाहिए। मुकेश के प्रार्थना पत्र पर 9 अप्रैल 2015 को अवमानना याचिका डिसमिस हुई। अवैध कब्जेदार मुन्ना ने भी 7 अक्टूबर 2015 को शपथ पत्र दिया कि उनका और मुकेश शर्मा के बीच सुलह समझौता हो गया है, कोई विवाद नहीं है। पति की मदद के लिए पत्नी करना चाहती थी काम...ससुर ने कर दिया ऐसा हाल शर्मनाक! 14 वर्षीय मासूम के साथ 5 युवकों ने की दरिंदगी की हदें पार, 4 निकले नाबालिग जौनपुर: यूपी पुलिस के साथ मुठभेड़ में 30 हजार का इनामी बदमाश ढेर