हम चाहे किसी गर्म जगह पर हों या ठंडे क्षेत्र में, मच्छर हर जगह अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। इन छोटे-छोटे खून चूसने वाले जीवों से छुटकारा पाना किसी के लिए भी आसान नहीं होता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहां मच्छरों का नामोनिशान तक नहीं है? जी हां, इस देश का नाम है आइसलैंड। यह देश न केवल अपने बर्फीले मौसम के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां मच्छरों की कमी भी एक अनोखी बात है। तो आइए जानते हैं कि आखिर आइसलैंड में मच्छर क्यों नहीं होते, और इसके पीछे क्या वैज्ञानिक कारण हैं। आइसलैंड एक छोटा सा द्वीप देश है, जो उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित है। यह देश बर्फ और आग का संगम माना जाता है, क्योंकि यहां बर्फीली पर्वत श्रृंखलाएं और सक्रिय ज्वालामुखी दोनों हैं। आइसलैंड की खोज लगभग 1100 साल पहले नार्वे के वाइकिंग्स द्वारा की गई थी, और यह दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है जहां मानव सभ्यता ने सबसे बाद में अपनी जड़े जमा ली थीं। हालांकि आइसलैंड की प्राकृतिक सुंदरता और ज्वालामुखियों के लिए यह देश मशहूर है, लेकिन यह मच्छरों से मुक्त रहने के कारण भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। आइसलैंड के मच्छरों से मुक्त होने के पीछे मुख्य कारण है यहां का मौसम और पर्यावरण। आइसलैंड की जलवायु अत्यधिक ठंडी और अस्थिर होती है। यहां के बर्फीले तूफान और पिघलती बर्फ मच्छरों के लिए एक अस्थिर वातावरण पैदा करते हैं, जहां वे जीवित नहीं रह पाते। मच्छर गीले और आर्द्र वातावरण में ज्यादा पनपते हैं, लेकिन आइसलैंड की ठंडी जलवायु और लगातार बर्फबारी इन जीवों को पनपने का मौका नहीं देती। ठंडे मौसम में मच्छरों का प्रजनन और विकास काफी कठिन हो जाता है, क्योंकि बर्फीली परिस्थितियां उनके जीवन चक्र को रोक देती हैं। सऊदी अरब में क्यों दी गई 214 लोगों को फांसी? यहाँ जानिए डायपर में मिली लड़की की लाश, मामला जानकर काँप उठेगी रूह '12 घंटे करना होगा काम'! आदेश देते ही CEO को मिली जान से मारने की-धमकी