गुना: मध्य प्रदेश के गुना से चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां वर्ष 2017 में पंचायत सचिव ने महिला को मृत घोषित कर दिया। इस वजह से महिला को उसके पति के नाम से प्राप्त होने वाली पेंशन बंद हो गई। इसके अतिरिक्त वो मतदान भी नहीं कर पा रही है। महिला बीते 6 वर्षों से स्वयं को जीवित बताने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रही है। दरअसल, मामला गुना जिले के ग्राम काबर बमोरी का है। यहां आदिवासी महिला सुमली बाई बीते 6 सालों से स्वयं को जीवित बताने का प्रयास कर रही है। मगर, अधिकारीयों की लापरवाही के चलते ये काम पूरा नहीं पो रहा है। इस वजह से उसको कई सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना भी बंद हो गया है। महिला के पति सुभान सिंह की मौत हो चुकी है। पति की मौत के पश्चात् उसे पेंशन योजना का लाभ मिलता था। मगर, 2017 के बाद से उसके पेंशन योजना का लाभ मिलना भी बंद हो गया है। तत्पश्चात, आदिवासी महिला सुमली बाई ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी इस मामले की शिकायत की। मगर, कोई परिणाम नहीं निकला। पीड़ित महिला बीते 6 वर्षों से सरकार कागजात में खुद को जीवित करने का प्रयास कर रही है। मगर, सिस्टम के आगे वो लाचार नजर आ रही है। महिला के साथ उसका बेटा भी ये लड़ाई लड़ रहा है। जिला प्रशासन द्वारा महिला को बीते 6 सालों से आश्वासन दिया जा रहा है। मगर, अब तक उसे सरकारी रिकॉर्ड में जिंदा नहीं किया गया है। तत्पश्चात, महिला ने कलेक्टर तरुण राठी के सामने दस्तावेज पेश किए। उसने बताया कि 2017 में पंचायत सचिव ने जानबूझकर उसे कागजों में मृत घोषित कर दिया था। इसकी वजह से उसे पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके अतिरिक्त वो वोट भी नहीं डाल पा रही है। महिला ने जनसुनवाई में पहुंचकर स्वयं के जीवित होने का प्रमाण दिया तो कलेक्टर भी दंग रह गए। इस मामले में कलेक्टर तरुण राठी ने बताया कि महिला की शिकायत पर तहकीकात के आदेश दिये गए है। पहली नजर में ये लिपिकीय त्रुटि नजर आ रही है। इसमें जल्द से जल्द सुधार कर लिया जाएगा। साथ ही महिला को पेंशन योजना का लाभ भी दिया जाएगा। खेत में मिली पलटी हुई कार, अंदर का माहौल देख उड़ गए सबके होश बैंक ऑफ बड़ौदा समेत 11 बैंकों में निकली बंपर नौकरियां, मिलेगी जबरदस्त सैलरी चंद्रयान-3 की सफलता पर बोले कपिल सिब्बल, ट्वीट में कहा- जवाहरलाल नेहरू से..