'पैगंबर ने भी काबा में 360 मूर्तियां तोड़ी थीं, अब..', बांग्लादेश के हालात पर तस्लीमा का ट्वीट वायरल

ढाका: बांग्लादेश में हाल के दिनों में हिंदू मंदिरों पर हमलों की एक और चिंताजनक घटना सामने आई है। मैमनसिंह और दिनाजपुर जिलों में दो दिनों के भीतर तीन हिंदू मंदिरों में कुल आठ मूर्तियों को तोड़ने की खबर आई है। इन हमलों को लेकर पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। यह घटना बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा की नई कड़ी के रूप में देखी जा रही है।

 

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मैमनसिंह के हलुआघाट उप-जिले में गुरुवार और शुक्रवार की सुबह दो मंदिरों की तीन मूर्तियों को निशाना बनाया गया। हलुआघाट पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी (OC) अबुल खैर के अनुसार, शुक्रवार सुबह हलुआघाट के शाकुई संघ में बोंडेरपारा मंदिर की दो मूर्तियों को तोड़ा गया। हालांकि, इस मामले में अभी तक कोई FIR दर्ज नहीं हुई है और कोई गिरफ्तारी भी नहीं हुई है। इसी इलाके में गुरुवार सुबह बीलडोरा संघ के पोलाशकंडा काली मंदिर में भी एक मूर्ति को तोड़ दिया गया। इस घटना में पुलिस ने पोलाशकांडा गांव के 27 वर्षीय अलाउद्दीन नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अपराध कबूल कर लिया, जिसके बाद उसे अदालत में पेश किया गया और जेल भेज दिया गया। इससे पहले, मंदिर समिति के अध्यक्ष सुवाश चंद्र सरकार ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

 

दिनाजपुर जिले के बीरगंज उप-जिले में मंगलवार को झारबारी शासन काली मंदिर में पांच मूर्तियों को तोड़ने की घटना सामने आई। यह मामला गुरुवार को उजागर हुआ। मंदिर समिति के अध्यक्ष जनार्दन रॉय ने कहा कि ऐसा गलत काम उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था। स्थानीय पुलिस प्रभारी अधिकारी अब्दुल गफूर ने बताया कि मामले की जांच जारी है। पिछले सप्ताह, उत्तरी बांग्लादेश के सुनामगंज जिले में भी हिंदू मंदिर और समुदाय के घरों तथा दुकानों में तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। इस मामले में कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इससे पहले, 29 नवंबर को चटगांव में नारेबाजी करती भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की थी। यह हिंसा उस समय भड़की जब इस्कॉन के एक पूर्व सदस्य पर देशद्रोह के आरोप लगाए गए थे।

बांग्लादेश में बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं ने भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव पैदा कर दिया है। 5 अगस्त को छात्रों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शनों के बाद अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने और मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद हालात और बिगड़े हैं। इन घटनाओं ने हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में वृद्धि कर दी है।

भारत सरकार भी इन हमलों को लेकर सतर्क है। लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि 8 दिसंबर 2024 तक बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर 2,200 मामले दर्ज किए गए हैं। अक्टूबर 2024 तक 112 अतिरिक्त मामले भी दर्ज हुए। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान और बांग्लादेश को छोड़कर अन्य पड़ोसी देशों में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ कोई हिंसा दर्ज नहीं हुई है। भारत ने इन घटनाओं को लेकर बांग्लादेश सरकार के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

 

इन घटनाओं पर बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन का एक पुराना ट्वीट भी वायरल हो रहा है। जिसमे उन्होंने लिखा था कि ''इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद ने खुद काबा में पागान समुदाय की 360 मूर्तियों को तोड़ा था, और उनके अनुयायी आज उसी राह पर चल रहे हैं।'' उनका यह बयान संकेत देता है कि जब भी मुस्लिम समुदाय निर्णायक स्थिति में आएगा या उनकी जनसंख्या बढ़ेगी, तो वे अन्य धर्मों पर इसी तरह आक्रमण करेंगे। इन घटनाओं ने न केवल बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि भारत और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक संबंधों में भी तनाव पैदा कर दिया है। अब देखना होगा कि बांग्लादेश सरकार इन हमलों पर क्या कार्रवाई करती है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाती है।

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