प्रत्येक व्यक्ति कर्म काण्डो से ही प्रतिष्ठा व सम्मान को प्राप्त करता है। एक समय की बात है की एक राजा को जंगल में एक छोटा सा बच्चा मिला। जिसे देख राजा को लगा कि यह कुछ ही दिनों पहले जन्मा है। और राजा उसे अपने घर ले आया और उसका पालन पोषण किया । जब वह बच्चा बड़ा हुआ तो उसने राजा से पूछा कि मेरे माता-पिता कौन हैं और वे कहाँ गये? तब राजा नें उसे सारी बात बताई कुछ भी छिपाना ठीक न समझा राजा की सारी बात सुनकर वह बच्चा बोला कि मैं यह आत्महीनता का भार लेकर कहां जाऊंगा मेरे तो कोई माता पिता नहीं है। उस बालक की बातों को सुनकर राजा बोला- अब तुम गुरुकुल विद्या अध्ययन करने के लिये जाओ। बालक विद्या अध्ययन के लिए चल पड़ा गुरुकुल में प्रवेश करते समय वहां के आचार्य ने बालक से पूछ लिया बेटा तुम अपने माता-पिता का नाम बताओ तुम्हारा कुल खान-दान क्या है? और कहाँ है तुम्हारा गोत्र क्या है? इन सभी प्रश्नों के उत्तर बालक ने सत्यता के साथ दिए और आचार्य से सारी बात बताई जो उसे राजा ने बताई थी । बालक की बात से प्रसन्न होकर आचार्य ने उसे गुरुकुल में प्रवेश दे दिया। बालक ने वहां कठोर परिश्रम किया और आयुर्वेदाचार्य की उपाधि प्राप्त कर ली। एक दिन आचार्य नें बालक को मगध जाने को कहा कि तुम वहां जाओ और लोगों का उपचार करो। आचार्य की यह बात सुनकर बालक नें कहा मैं जहां भी जाउंगा तो लोग मुझ से मेरे माता-पिता और कुल-गोत्र के बारे में पूछेंगे। तो में क्या करुगाँ? गुरु जी मैं यहीं रहना चाहता हूं। तब आचार्य बोले कि बेटा तुम्हारी प्रतिभा और तुम्हारा ज्ञान ही तुम्हारा कुल और गोत्र है। तुम जहां भी जाओगे वहां तुम्हें प्रतिष्ठा और मान-सम्मान मिलेगा। तुम लोगों की सेवा करोगे उन्हे कष्टों से मुक्त करोगे इसी से तुम्हारी पहचान बनेगी और तुम जगत मे विख्यात हो जाऔगे। क्योंकि कर्म से ही मनुष्य की पहचान होती है वही उसे महान बनाता है कुल और गोत्र नहीं। इसलिये प्रत्येक व्यक्ति को जात-पात को छोड़कर कर्मों को महान बनाना चाहिये क्योकि कर्म ही मानव को उच्च शिखर तक ले जाते हे जिससे व्यक्ति महान बनता हे और उसे प्रतिष्ठा मिलती है। सपने में दिख जाए अगर ये चीज, तो समझ लें की बजने वाली है आपकी शहनाई जन्म तारिख के अनुसार खरीदे वाहन तो कभी नहीं होगी अनहोनी घर में अचानक इस मेहमान का आना मतलब मौत नज़दीक है इनमें से कोई एक चीज घर में रखने पर मिलता है पैसों की तंगी से छुटकारा