घर में पैदा हो रही परेशानियों का कारण आपके घर का मंदिर भी हो सकता है

जब व्यक्ति जीवन की समस्याओं से परेशान हो जाता है तो वह सीधे भगवान् की शरण में चले जाता है क्योंकि उसको वाही पर शान्ति का अनुभव होता है हमारे जीवन में पूजा का बहुत महत्व है जिससे व्यक्ति के मन को शांति प्राप्त होती है और उसके जीवन से सम्बंधित समस्याओं का अंत होता है. इसलिए व्यक्ति के घर में पूजा स्थान या मंदिर का होना बहुत आवश्यक होता है. जो व्यक्ति और उसके परिवार की उन्नति में लाभकारी होता है.

किन्तु घर में बने मंदिर या पूजा स्थल का सही दिशा में होना जरूरी होता है नहीं तो यह आपके लिए कई समस्याएँ भी उत्पन्न कर सकता है. और यदि यह सही दिशा में होता है तो आपके जीवन के सभी कष्टों को दूर करता है और आपके जीवन को खुशहाली की राह पर ले जाता है. आज हम आपको बताते है की आपके घर पूजा स्थान या मंदिर की दिशा और दशा कैसी होना चाहिए.

व्यक्ति को अपने घर का मंदिर हमेशा घर की पूर्व-उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में ही बनाना चाहिए जो ईशान कोण होता है इस दिशा में मंदिर शुभ फल देता है.

व्यक्ति को अपने मंदिर के साफ़ सफाई की वस्तुओं से अन्य जगहों की सफाई नहीं करना चाहिए. मंदिर का झाड़ू पोंछा अलग ही रखें तो उचित होता है.

आपके घर का मंदिर कभी भी आपके रसोई घर में नहीं होना चाहिए. रसोई घर में मंदिर का होना आपके लिए समस्या उत्पन्न करता है.

आपके घर के मंदिर की भीतरी दीवारोंव फर्श का रंग सफ़ेद, पीला,या हल्का नीला होना शुभ माना जाता है.

आपके घर के मंदिर का हवन कुण्ड दक्षिण-पूर्व दिशा में होना शुभ माना जाता है.

आपको कभी भी अपने घर के मंदिर में किसी हिंसक पशु, पक्षी,या किसी भी युद्ध की तस्वीर नहीं लगाना चाहिए.

आपके घर के मंदिर में किसी भी देवी या देवता की मूर्ती 4 इंच से बड़ी नहीं होना चाहिए.

 

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