ज्वाला देवी मंदिर- हिमाचल प्रदेश का यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है इस मंदिर की मान्यता है की भगवान् शिव के द्वारा सती के शव को अपने कंधे पर लेकर घुमते हुए भगवान् विष्णु के द्वारा अपने सुदर्शन सेशव का खंडन करने पर सती की जिह्वां यहाँ पर गिरी थी. इस मंदिर की खासियत है की यहाँ बिना किसी ईंधन के 9 ज्वालाए अखंड रूप से प्रज्वलित हो रही है. करणी माता का मंदिर- यह मंदिर राजस्थान के बीकानेर में स्थित है इस मंदिर की विशेषता है की यहाँ 20 हजार से अधिक चूहे निवास करते है माता करणी का यह मंदिर बहुत प्रसिद्द है यहाँ की मान्यता के अनुसार यहाँ दर्शन करने आये श्रद्धालु को यदि सफ़ेद चूहे के दर्शन हो जाते है तो समझना चाहिए की उसकी मनोकामन पूर्ण हुई. और यदि कोई चूहा आपके पैर के नीचे आ जाता है तो इसे अपशगुन माना जाता है. भंडेश्वर जैन मंदिर- जैन धर्म के 23 वें तीर्थकर भगवान् पार्श्वनाथ का यह मंदिर बीकानेर जिले में स्थित है इस मंदिर की खासियत है की इसके निर्माण के समय 40 हजार किलो शुद्ध घी इसकी नीव में डाला गया था. तीन मंजिल के इस मंदिर के अन्दर सोने की पत्तियों से चित्रकारी की गई है. सफ़ेद संगमरमर और लाल पत्थर से निर्मित यह मंदिर बहुत प्रसिद्द है. भगवान पध्म्नाभ मंदिर- भगवान् पध्म्नाभ का मंदिर केरल राज्य में स्थित है जिसमे दुनिया का बेशुमार खजाना छुपा हुआ है इस मंदिर की देखरेख का कार्य त्रावणकोर के राज घराने के वारिश करते है इस मंदिर का रहस्य इसके छठे दरवाजे के पीछे छुपा है जो की 136 वर्ष में अभी तक नहीं खुला है इस दरवाजे को खोलने की अनुमति किसी को भी नहीं है. यहाँ के लोगों की माने तो इस छठे दरवाजे को यदि खोला गया तो प्रलय आ सकता है इस कारण से यह रहस्य अबतक नहीं खुला है. इस शिवलिंग को ध्यान से देखने पर बनती है पिरामिड कि आकृति भारत में मौजूद एक ऐसा मंदिर जो देता है देश भक्ति की मिशाल इसलिए जरूरी होता है मंदिर की परिक्रमा करना यह 5 तरीके जो बच्चों को बुरी नजर से बचाते हैं