श्रीनगर : कश्मीरी अलगाववादी नेता मुहम्मद यासीन मलिक ने गुरुवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच समग्र वार्ता की शुरुआत का प्रस्ताव एक फरेब है और कश्मीर के लोग इसे खारिज करते हैं। मलिक ने कहा, कश्मीरी इस वार्ता प्रक्रिया को खारिज करते हैं। यह कुछ और नहीं बल्कि आंख में धूल झोंकना है। भारत और पाकिस्तान को (कश्मीर पर) अपनी अवस्थिति के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों को शामिल किए बगैर किए जाने वाले किसी भी समाधान को कश्मीरी स्वीकार नहीं करेंगे। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष यासीन मलिक 36 घंटे की भूख हड़ताल पर हैं। उन्होंने कहा, हम वार्ता के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन, क्या यह विडंबना नहीं है कि हमारी किस्मत का फैसला हो रहा है और हम ही इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने कहा, हम लोग कोई भेड़ों का झुंड नहीं हैं..यह अपमान है कि हमें शामिल किए बगैर हमारे मुद्दों पर बात हो रही है और हमें इसके बारे में समाचार पत्रों और टीवी चैनलों से पता चल रहा है। कश्मीर की भारत और पाकिस्तान दोनों से 'आजादी' के पक्षधर मलिक ने कहा कि कश्मीरी किसी भी 'थोपे गए समाधान' को स्वीकार नहीं करेंगे। मलिक ने मानवाधिकार दिवस (10 दिसंबर) के अवसर पर भूख हड़ताल की है। उनका कहना है कि घाटी के लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। यही आरोप लगाते हुए अलगाववादी और मानवाधिकार संगठनों ने गुरुवार को श्रीनगर में प्रदर्शन किए।