अमेरिका में हालात हुए फिर बेकाबू, भड़के प्रदर्शनकारियों को ट्रंप ने चेताया

वाशिंगटन: दुनियाभर में कोरोना संकट के बीच अमेरिका के कई स्थानों पर हिंसा का प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है, तो कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू की धज्जियें उड़ा दी है. ये सबकुछ एक वीडियो क्लिप के वायरल होने के बाद शुरू हुआ. जिसमें एक श्वेत पुलिस अधिकारी जॉर्ज फ़्लॉयड की गर्दन अपने घुटने से दबाता दिख रहा है. जिसके बाद जॉर्ज फ़्लॉयड नाम के अश्वेत व्यक्ति की मौत हो जाती है. इस घटना से लोगो में आक्रोश देखने को मिल रहा हैं जो आप इस वीडियो में देख सकते है. शहर की स्थिति को देखते हुए आपातकाल की घोषणा भी की है. वहीं प्रदर्शनकारियों की तरफ से स्टोर को लूटा गया और पुलिस की गाड़ियों के साथ कई इमारतों में आग लगा दी गई. प्रशासन ने वाशिंगटन समेत 40 शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है. ट्रंप ने सभी प्रभावित शहरों के गवर्नरों से दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कहा है.

200 साल पुरानी सेंट जॉन चर्च का सरप्राइज विजिट: हिंसा के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस के पास 200 साल पुराने चर्च का दौरा किया. बता दें कि यह वही चर्च है, जहां पुलिस से झड़प के बाद प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी थी. उन्होंने रोज गार्डन में कहा कि वह शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के सहयोगी हैं. हालांकि, इस दौरान उन्होंने जोर देकर कहा, "मैं कानून और व्यवस्था को लेकर आपका अध्यक्ष हूं."

चर्च के बाहर दागे गए आंसू गैस के गोले: ट्रंप की यात्रा से पहले कानून प्रवर्तन ने प्रदर्शनकारियों को क्षेत्र से बाहर कर दिया. रोज गार्डन में ट्रंप के भाषण के दौरान प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए.

सेना को उतारने का फैसला: हिंसा की आग में जल रहे देश में हालात पर काबू पाने के लिए अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी मिलिट्री को उतारने का फैसला किया है.

गवर्नरों को बताया कमजोर: इससे पहले ट्रंप ने शहरों में हो रही हिंसा के लिए यहां के गवर्नरों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें कमजोर बताया था. ट्रंप ने गवर्नरों से दंगाइयों पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी.

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