बैंगलोर: कर्नाटक में गायों पर हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, और हाल की घटनाओं ने राज्य में गंभीर आक्रोश पैदा कर दिया है। उत्तर कन्नड़ जिले के होनावर ताल्लुक में 19 जनवरी, 2025 को एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जिसमें गोतस्करों ने एक गर्भवती गाय का पेट फाड़कर उसके गर्भ से बछड़ा निकाला और गाय की हत्या कर उसके मांस को लेकर फरार हो गए। इस अमानवीय घटना ने स्थानीय हिंदू समुदाय और गोपालकों में रोष भर दिया है। गाय के मालिक कृष्णा आचारी ने बताया कि वे इस गाय को 10 वर्षों से पाल रहे थे और उसे परिवार का हिस्सा मानते थे। जब उन्होंने अपनी गाय की क्षत-विक्षत हालत देखी, तो तुरंत पुलिस और गांववालों को सूचित किया। घटना स्थल पर हड्डियाँ और टांगे छोड़ दी गई थीं, जबकि गोतस्कर मांस लेकर भाग निकले। यह घटना कर्नाटक में बीते 10 दिनों में गायों पर हुए हमलों की तीसरी घटना है। इससे पहले बेंगलुरु में तीन गायों के थन काट दिए गए थे, जिसमें सैयद नसरू नाम का आरोपी पकड़ा गया था। मैसुरु के नंजनगुड़ में मंदिर के एक बैल की पूंछ काट दी गई थी। इन घटनाओं ने राज्य में कानून-व्यवस्था और सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राज्य में भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है। राज्य भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेन्द्र ने कहा कि कांग्रेस सरकार गायों पर हो रहे इन हमलों पर आंखें मूंदे हुए है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने इसे "कट्टरपंथी ताकतों की साजिश" बताते हुए कहा कि सरकार की लापरवाही और तुष्टिकरण के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने सख्त कदम नहीं उठाए, तो राज्यव्यापी आंदोलन होगा। भाजपा नेताओं का यह भी आरोप है कि कांग्रेस की नीतियां इस बढ़ते अपराध का कारण हैं। वे कर्नाटक के पशुपालन मंत्री के वेंकटेश के उस बयान का उल्लेख कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा था, "जब भैंस काट सकते हैं, तो गाय क्यों नहीं?" यह बयान भाजपा सरकार द्वारा बनाए गए गौहत्या विरोधी कानून को कमजोर करने की बात के साथ आया था। भाजपा नेताओं ने याद दिलाया कि केरल कांग्रेस के सदस्यों ने पहले भी सड़कों पर सार्वजनिक रूप से गाय काटने जैसे विवादास्पद कदम उठाए थे। कांग्रेस सरकार ने पहले ही भाजपा द्वारा बनाए गए धर्मांतरण विरोधी कानून को रद्द कर दिया है, जिससे धोखा, दबाव या छल से धर्मांतरण करने वालों पर अंकुश लगाया जा सकता था। भाजपा का आरोप है कि इस कानून के हटने से कट्टरपंथियों को खुली छूट मिल गई है, और अब गौहत्या पर भी कांग्रेस का नरम रुख गोतस्करों के लिए एक और प्रोत्साहन बन गया है। अगर कांग्रेस सरकार अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करती और गौहत्या जैसी घटनाओं के अपराधियों पर सख्त कार्रवाई नहीं करती, तो ऐसी घटनाओं के रुकने की संभावना नहीं है। भाजपा नेताओं का कहना है कि यह समस्या केवल कानूनी कार्रवाई की नहीं, बल्कि सरकार की नीति और नीयत का मामला है। शपथ लेते ही राष्ट्रपति ट्रम्प ने कर दिए 7 बड़े ऐलान..! पूरी दुनिया पर पड़ेगा गंभीर असर छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का सफाया जारी, बीते 36 घंटों में 14 नक्सली ढेर 'ताहिर हुसैन जैसों को तो चुनाव नहीं लड़ने देना चाहिए..', कहने के बावजूद जमानत पर सुनवाई करेगा SC