भगवान गणेश का पूजन करना सबसे अहम माना जाता है। कहा जाता है किसी भी काम को शुरू करने से पहले श्री गणेश का पूजन किया जाना चाहिए क्योंकि अगर उनके पूजन से काम की शुरुआत की जाए तो सभी काम अच्छे से हो जाते हैं। हालाँकि क्या आप जानते हैं कि श्री गणेश जी को किसने दिए थे उनके शस्त्र? शायद ही आपको इसके पीछे की कहानी पता होगी। हालाँकि आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं। 16 दिसंबर को है कालाष्टमी, जानिए शुभ मुहूर्त-पूजन विधि किसने दिए थे श्री गणेश को शस्त्र- एक बार शिव जी कैलाश त्याग कर वन में जाकर रहने लगे। एक दिन शिव जी से मिलने विश्वकर्मा आए। उस समय गणेश जी की आयु मात्र छह वर्ष थी। गणेश जी ने विश्वकर्मा से कहा कि मुझसे मिलने आए हो तो मेरे लिए क्या उपहार लेकर आए हो। विश्वकर्मा ने कहा कि भगवान मैं आपके लिए क्या उपहार ला सकता हूं। आप तो स्वयं सच्चिदानंद हो। विश्वकर्मा ने गणपति का वंदन किया और उनके सामने भेंट स्वरूप कुछ वस्तुएं रखें जो उनके हाथ से बनी हुई थीं। ये वस्तुएं थीं एक तीखा अंकुश, पाश और पद्य। ये आयुध पाकर गणपति जी को बहुत प्रसन्नता हुई। इन आयुधों से सबसे पहले छह वर्ष के गणेश जी ने अपने मित्रों के साथ खेलते हुए एक दैत्य बृकासुर का संहार किया था। जी हाँ और इस तरह श्री गणेश को विश्वकर्मा ने शस्त्र उपहार में दिए वह भी वो जो उन्होंने खुद बनाए थे। कहा जाता है इन शास्त्र को पाने के बाद श्री गणेश जी ने उन्हें आशीर्वाद दिया था। 16 दिसंबर को है रुक्मिणी अष्टमी, जानिए उनके बारे में सब कुछ आखिर क्यों की जाती है कांवड़ यात्रा?, इससे जुडी हैं तीन मान्यताएं क्या आप जानते हैं कैसे हुई शिवलिंग की उत्पत्ति?, आइए जानते हैं आज इसके बारे में