नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) के विरुद्ध दायर याचिका को भी ख़ारिज करने का एलान कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को हाई जाने के लिए बोला है। खबरों का कहना है कि वरिष्ठ वकील और भारतीय जनता पार्टी नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने TDS के विरुद्ध जनहित याचिका दर्ज कर दी थी। अपनी याचिका में उपाध्याय ने TDS को मनमाना, तर्कहीन और असंवैधानिक भी कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट जाने को कहा: खबरों का कहना है कि मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने याचिका खारिज करने के बाद याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने के लिए बोला है। सुनवाई के दौरान CJI ने इस बारें में बोला है कि 'हम इस याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते। इसे बहुत खराब तरीके से तैयार किया गया है। आप उच्च न्यायालय जा सकते हैं। कुछ फैसलों में इसे बरकरार रखा गया है। हम इस पर विचार नहीं करेंगे।' आखिर क्या होता TDS: TDS या सोर्स पर Tax कटौती (TDS) की शुरुआत कर चोरी रोकने के लिए हुई थी। यह एक ऐसा तरीका है जिससे गवर्नमेंट सीधे आय के स्त्रोत से करती है। यह कर का ऐसा प्रकार है, इसमें किसी व्यक्ति या संगठन को मिलने वाली सैलरी, ब्याज, किराया या कंसल्टेंसी फीस देने से पूर्व ही तय राशि टैक्स के रूप में काट ली जाती है और इसे तुरंत गवर्नमेंट को भेज दिया जाता है। TDS गवर्नमेंट के लिए टैक्स इकट्ठा करने की प्रक्रिया को सरल बनाता है और टैक्स चोरी को रोकने में भी सहायता करता है। TDS राशि की वापसी के पश्चात में तब की जाती है जब करदाता अपना Income tax Return दाखिल करते हैं। याचिका में TDS की इन आधार पर हुई थी निंदा: खबरों का कहना है कि याचिका में उपाध्याय ने तर्क दिया कि TDS एक जटिल प्रक्रिया भी कही जा रही है, जिसे समझने के लिए कानूनी और वित्तीय विशेषज्ञता की आवश्यकता है। कई करदाताओं को इस बात की समझ होना चाहिए। याचिका में इस बारें में बोला है कि अशिक्षित या आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को इस तकनीकी ढांचे को समझने में भी परेशानी भी होती है और इसके चलते उनका उत्पीड़न किया जाता है। यह समानता के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन भी करता है। उपाध्याय ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि कई करदाता, विशेष रूप से ग्रामीण या आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के लोग, हमेशा रिफंड से वंचित रहने लग जाते है, जिससे गवर्नमेंट को अनुचित लाभ होता है।