बहुत ही अजीब है इस देश की परंपरा...जहां बाप ही सजता है बेटी का कमरा, फिर 10 लड़कों के साथ बेटी करती है ये काम

देश और दुनिया में करोड़ों तरह के समाज और संस्कृतियां देखने के लिए मिलती है। जिनमे कई ऐसी चीजें हैं जो पहली नजर में थोड़ी अटपटी भी लग सकती है। लेकिन, वक़्त और वहां की जरूरत के आलोक में देखें तो ये संस्कृतियां  और भी ज्यादा शानदार रही है। ऐसी ही एक संस्कृति के बारे में हम आपको बता रहा है। इस संस्कृति में एक बेटी के सुखद वैवाहिक जीवन को बहुत अहमियत भी दी जा रही है। इस संस्कृति में पिता जब अपनी बेटी के लिए वर ढूंढने की प्रक्रिया शुरू करता है तो उसकी पहली प्राथमिकता बेटी की पसंद और उसकी इच्छा भी होती है। बेटी की पसंद को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। इसका मूल मकसद होता है कि जब बेटी अपनी पसंद के लड़के के साथ विवाह करेगी तो उस शादी के सफल होने की अनुमान  सबसे ज्यादा होगी। यही कारण है कि इस समाज में सफल शादी की दर 99 फीसदी है।

दरअसल, यह समाज है दक्षिण पूर्वी एशियाई देश कंबोडिया का बताया जा रहा है। यहां बड़ी संख्या में क्रेऊंग (Kreung) जनजाति के लोग निवास करते है। इस जनजाति की संस्कृति को आप अपने यहां से सोच के केस में बहुत आगे कह  बोल सकते हैं। जिसमे बेटियों की बहुत इज्जत होती है। यह समाज बेटियों की पसंद को प्राथमिकता देता है। ऐसे में जब बेटी बड़ी होती है तो विश्व के तमाम पिताओं की तरह इस समाज के बाप भी उसकी ब्याह को लेकर परेशान होते है। फिर वह अपनी परंपरा के अनुसार बेटी के लिए घर से दूर अपने हाथों से ‘लव हट’ को बनाते है। दरअसल, लव हट का कंसेप्ट एक ऐसे घर या मकान से है जहां बेटी अपनी मां-बाप की नजरों से दूर स्वछंद वतावरण में जी सके में जी सकती है। इस लव हट में बेटी रहने लगती है। वहां कुछ वक़्त तक अकेले रहने के बीच जिन लड़कों के साथ उसके रिश्ते की बात होती है वे सभी लड़के भी एक-एक कर पहुंचते हैं। लड़का-लड़की एक दूसरे को जानने का प्रयास भी करते है। वे एक दूसरे की पसंद और नापंसद को समझने का प्रयास करते हैं। साथ रहने के दौरान उनकी इच्छा होने पर वे आपस में शारीरिक संबंध भी बनाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कि लड़की के हिसाब से योग्य वर न मिल जाए।

सच्चे प्यार की तलाश: यहां पर लव हट का कंसेप्ट बहुतअहम है। बता दें कि इस परंपरा का उद्देश्य लड़की के लिए सच्चे प्यार को तलाशना है। लव हट घर से दूर इसलिए बनाया जाता है कि लड़की पर इस बीच किसी तरह का दबाव न हो। वह अपनी स्वेच्छा से अपने सच्चे प्यार की तलाश कर सके। यहां एक और बात है कि इस लव हट में जो भी लड़के आते हैं वो रात के अंधेरे में घर में प्रवेश करते हैं और सुबह की रोशनी से पहले चले जाते हैं। यानी यहां पर लड़के और लड़की के रिश्ते की गोपनियतों को भी पूरी अहमियत भी दी जा रही है। इससे भविष्य में शादी में कोई दिक्कत नहीं आती है। दूसरी बात यह कि इस जनजाति समुदाय में दिन के उजाले में कोई शादी-शुदा दंपति ही साथ में दिख पाएंगे।

4-10 लड़कों को आमंत्रित करती हैं लड़कियां: एक रिपोर्ट के अनुसार सच्चे प्यार की तलाश में लड़कियां आमतौर पर चार से 10 लड़कों को लव हट में बुलाती हैं। ये सभी लड़के अलग-अलग रात में यहाँ आ जाते है। इसमें यह ध्यान देने की बात है कि इस मुलाकात में लड़का-लड़की के बीच शारीरिक संबंध बनाना अनिवार्य नहीं है। यह पूरी तरह उन दोनों की स्वेच्छा पर आधारित होता है।

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