देश के माननीय प्रधानमंत्री ने रविवार को बिजली को लेकर एक बड़ा ऐलान किया, उनके अनुसार देश के सभी गाँवों में बिजली पहुंच गई है. मोदी के इस ऐलान के बाद बीजेपी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में जैसे ख़ुशी की लहर दौड़ गई और सभी सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्म पर बधाई देते नजर आए लेकिन शायद मोदी जी को अब देश के कोने-कोने में असली विकास देखना चाहिए, क्योंकि रविवार के भाषण और आज कर्नाटक में दिए गए भाषण में एक बात की पुष्टि हो चुकी है कि बिजली के लिए मोदी का दिया भाषण सिर्फ एक कोरा झूठ है या शायद आदरणीय प्रधान साहब को जमीनी हकीकत के बारे में ज्यादा पता नहीं. असल सच: बिहार में पिछले साल ही नितीश कुमार ने अपने भाषणों में ये दावा किया था कि बिहार के सभी गाँवों में बिजली की सप्लाई हो चुकी है, लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है. बिहार की राजधानी पटना से मात्र 15 किलोमीटर दूर गंगा गाँव में आज भी बिजली का नामो निशान नहीं है. वहीं बिहार के एक गांव मधोपुर में पिछले साल आजादी के इतने सालों बाद पहली बार लोग बिजली के पोल देखकर काफी खुश हुए थे, गाँव में सांसद रामकृपाल यादव और दानापुर के विधायक आशा देवी ने बटन दबाकर बिजली का बल्ब जलाया था उसके बाद इन नेताओं के जाने के चार घंटों बाद गाँव में फिर से अँधेरा छा गया जिसके बाद आज तक गाँव अँधेरे में है. ऐसे कई गाँव आज भी देश में मौजूद है जहाँ पर आजादी के इतने सालों बाद सिर्फ कागज़ पर ही बिजली है. सरकार अयोग्यता का जश्न मना रही है- रणदीप सुरजेवाला अब नाख़ून उखाड़ेंगे बिप्लब देब पत्रकार ने पीएम के खिलाफ डाली बेहद अश्लील पोस्ट