माँ दुर्गा के दरबार में पूरी हुई मुस्लिम माँ की मन्नत, मंदिर पहुंचा पूरा परिवार

पटना: बिहार के कटिहार जिले में स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर में हाल ही में एक अद्भुत और प्रेरणादायक घटना घटी। यह घटना यह साबित करती है कि सनातन धर्म की महानता और इसकी संस्कृति पर विश्वास रखने वाला कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी धर्म या पंथ से क्यों न हो, यहां संतोष और शांति का अनुभव कर सकता है।

घटना कटिहार जिले के हसनपुर ब्लॉक के खोरबा ग्राम पंचायत की रहने वाली जायदा खातून से जुड़ी है। उनके बेटे के निकाह को पांच साल हो चुके थे, लेकिन संतान प्राप्ति नहीं हो पा रही थी। जब जायदा ने बड़ी दुर्गा मंदिर की मान्यता और प्रसिद्धि के बारे में सुना, तो उन्होंने माता के मंदिर में जाकर मन्नत मांगी। उन्होंने विश्वास के साथ देवी दुर्गा से प्रार्थना की, और उनकी मन्नत पूरी हो गई। जायदा खातून की बहू को संतान की प्राप्ति हुई, और इसके बाद अपने परिवार के साथ उन्होंने दुर्गा मंदिर में जाकर आभार प्रकट किया। उन्होंने माता दुर्गा के सामने सिर झुकाया और एक बकरे की बलि चढ़ाकर अपनी आस्था प्रकट की। यह घटना यह दर्शाती है कि आस्था और विश्वास किसी एक धर्म या जाति से बंधा हुआ नहीं होता, बल्कि यह एक व्यक्ति के व्यक्तिगत अनुभव और आस्था पर आधारित होता है।

मंदिर कमेटी के प्रभाकर झा का कहना है कि इस मंदिर में प्रतिदिन विभिन्न जातियों, धर्मों और समुदायों से लोग अपनी मन्नत लेकर आते हैं। सभी के साथ समान व्यवहार किया जाता है और उन्हें माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। यह मंदिर विभिन्न पंथों और संस्कृतियों के बीच एकता और आस्था का प्रतीक बन गया है, जहां हर व्यक्ति को अपनी प्रार्थना के लिए खुला अवसर मिलता है। यह घटना हमें यह सिखाती है कि सनातन संस्कृति और इसके सिद्धांतों पर विश्वास करने से कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी धर्म या समुदाय से हो, शांति और संतोष पा सकता है। यह सनातन धर्म की सहिष्णुता और सार्वभौमिकता का प्रतीक है, जो किसी भी पंथ के व्यक्ति को खुले दिल से स्वीकार करता है।

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