फतेहाबाद: हरियाणा के फतेहाबाद में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं फास्ट ट्रैक अदालत के जज बलवंत सिंह की कोर्ट ने बलात्कार के एक मामले की सुनवाई करते हुए अपराधी को रिहा कर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेशों में टिप्पणी की कि मंजूरी से बनाया गया संबंध बलात्कार नहीं हो सकता। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि महिला कई महीनों से अपराधी की कैंटीन में काम करती थी। उसका कहना है कि अपराधी ने उसे शादी करने का झांसा दिया, जबकि वह पहले से शादीशुदा था। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह महिला का भी दायित्व बनता है कि संबंध के लिए अपने आप को समर्पण करने से पूर्व इस बात की तस्दीक कर लेती कि अपराधी कुंवारा है या शादीशुदा है। कोर्ट ने कहा कि महिला का आचरण बताता है कि उसने मंजूरी से अपराधी से संबंध बनाए तथा बाद में उसने मुकदमा दर्ज करवाने के लिए कहानी गढ़ी। आपको बता दें कि टोहाना पुलिस ने 15 जून 2019 को टोहाना की गिल्लांवाली ढाणी निवासी दलीप के विरुद्ध एक महिला की शिकायत पर IPC की धारा 313, 328, 376, 506 व एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। महिला का आरोप था कि वह एक विद्यालय में नौकरी की तलाश में गई थी। वहां उसकी विद्यालय की कैंटीन ठेकेदार दलीप से मुलाकात हो गई। दलीप ने उसे टोहाना शहर में कमरा किराये पर दिलवा दिया तथा एक दिन वह जूस लेकर आया। जूस पीते ही वह बेहोश हो गई। बेहोशी की स्थिति में दलीप ने उसके साथ बलात्कार किया। तत्पश्चात, वह कई महीनों तक उससे बलात्कार करता रहा। जब वह गर्भवती हो गई तो दलीप ने उसका गर्भपात करवा दिया। जब उसने शादी के लिए बोला तो दलीप ने कहा कि वह तो शादीशुदा है। कोर्ट में महिला के इल्जामों के जवाब में दलीप की पत्नी भी पेश हुई तथा कहा कि उन्होंने आरोप लगाने वाली महिला को किश्तों पर फ्रिज दिलवाया था तथा किश्तें भी स्वयं भरी थी। वह भलीभांति जानती थी कि दलीप विवाहित है। महिला जिस मकान में किराये पर रहती थी, उसके मकान मालिक ने भी कोर्ट में गवाही दी कि दलीप एक बार कमरा दिलवाने आया था, तत्पश्चात, उसने कभी दलीप को वहां नहीं देखा। 18 अप्रैल से तीन दिन के गुजरात दौरे पर PM मोदी, जानिए पूरा कार्यक्रम बाबा महाकाल की शीतलता के लिए उठाया गया ये कदम, 2 महीने तक मिलेगी गर्मी से राहत दादी के साथ शादी में जा रहा था 8 वर्षीय मासूम, शव मिलते ही घर में पसर गया मातम