देहरादून: उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चल रहे बचाव अभियान में 16वें दिन बड़ी सफलता मिली। सोमवार को मलबे में फंसी ऑगर मशीन के हेड को निकालने के पश्चात् मैनुअल खुदाई का काम आरम्भ हो गया है। रेस्क्यू टीम 800 MM के पाइप को तकरीबन डेढ़ मीटर और अंदर पुश कर चुकी है। वहीं सुरंग में ऊपर से ड्रिलिंग का काम सोमवार को बोल्डर आने की वजह से प्रभावित होता रहा। वही माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा, सुरंग में अब दो से तीन मीटर ड्रिलिंग ही बची है। हम शाम 5 बजे तक कुछ परिणाम देखने की उम्मीद कर रहे हैं। वही ऑगर मशीन के फेल होने के बाद रैट माइनर्स ने बाकी काम को पूरा करने का जिम्मा उठाया। सुरंग में 17 दिन से फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए जहां देश-विदेश की बड़ी बड़ी मशीनें फेल होती दिखाई दे रही थीं, वहां रैट माइनर्स कमाल दिखाते दिखाई दे रहे हैं। रैट माइनर्स ने कल से अब तक 4-5 मीटर की खुदाई कर ली है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि 52 मीटर तक पाइप डाले जा चुके हैं। 57 मीटर दूरी तक पाइप डाले जाने हैं। यानी रेस्क्यू टीमें श्रमिकों से सिर्फ 3 मीटर की दूरी पर हैं। दूसरी तरफ पहाड़ पर वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है। अब तक 42 मीटर की खुदाई की जा चुकी है। कुल 86 मीटर वर्टिकल खुदाई की जानी है। ऑगर मशीन 48 मीटर की खुदाई करने के पश्चात् सुरंग में फंस गई थी। फिर इसे काटकर बाहर निकाला गया। तत्पश्चात, रैट माइनर्स को बुलाया गया। ये एक्सपर्ट मैन्युअल खुदाई कर रहे हैं। अब तक 4-5 मीटर खुदाई की जा चुकी है। पाइप भी डाले जा चुके हैं। रेस्क्यू टीमें एक साथ कई प्लान के साथ मजदूरों को बाहर निकालने के लिए काम कर रही हैं। इनमें हॉरिजेंटल के साथ वर्टिकल ड्रिलिंग भी सम्मिलित है। श्रमिकों को निकालने के लिए लगी ऑगर मशीन के फेल होने के पश्चात् वर्टिकल ड्रिलिंग आरम्भ की गई थी। इसके लिए BRO ने सुरंग के ऊपर तक सड़क बनाई है। तत्पश्चात, मशीन को ऊपर लगाया गया। मशीन अब तक 42 मीटर तक खुदाई कर चुकी है। हालांकि, कुल 86 मीटर की खुदाई की जानी थी। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क' (प्रत्येक मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का हिस्सा है। ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही यह सुरंग 4।5 किमी लंबी है। 12 नवंबर को सुरंग का एक भाग ढह गया। इससे श्रमिक सुरंग के अंदर ही फंस गए। इन्हें निकलने के लिए 16 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है। मगर अभी तक कोई विशेष कामयाबी नहीं प्राप्त हुई। शादी के 1 दिन पहले दूल्हे ने उठा लिया खौफनाक कदम, खुशियों के बीच पसरा मातम 'तेलंगाना में हमारी सरकार..', NDTV के नाम से 'कांग्रेस' ने किया दावा, न्यूज़ चैनल बोला- कृपया फर्जी खबरें न फैलाएं कौन है प्रेमबाई? जिसके घर पत्नी संग पहुंचे CM शिवराज