अर्थव्यवस्था में सुस्ती के माहौल को देखते हुए विश्व बैंक ने भी भारत के आर्थिक विकास दर का अनुमान घटा देने का फैसला लिया है। ताजा रिपोर्ट में विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर अनुमान पांच फीसद कर दिया है।वही यह 11 साल का निचला स्तर होगा। इससे पहले चालू वित्त वर्ष (2019-20) के लिए विश्व बैंक ने छह फीसद की विकास दर का अनुमान दिया था। इसके अलावा मंगलवार को भारत सरकार ने भी विकास दर अनुमान को घटाकर पांच फीसद कर दिया था। रिपोर्ट में विश्व बैंक ने बताया, ‘भारत में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में क्रेडिट की स्थिति कमजोर बनी हुई है। इसलिए 31 मार्च को खत्म होने जा रहे वित्त वर्ष में विकास दर पांच फीसद रहने का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष में कुछ सुधार के साथ इसके 5.8 फीसद पर पहुंचने का अनुमान है।’ विश्व बैंक ने बताया कि निजी स्तर पर उपभोग कम होने और पर्याप्त क्रेडिट की व्यवस्था नहीं हो पाने से भारत में गतिविधियां थमी हुई हैं। वही इससे पहले सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सुस्ती को विकास दर में गिरावट का बड़ा कारण बताया गया था। सरकार ने कहा था कि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर 6.9 फीसद से घटकर दो फीसद रहने का अनुमान है। कंस्ट्रक्शन सेक्टर के साथ भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। ग्लोबल ग्रोथ में हल्के सुधार की उम्मीद विश्व बैंक ने वैश्विक विकास दर में मामूली सुधार की उम्मीद जताई है।इसके अलावा रिपोर्ट के 2020 में विकास दर 2.5 फीसद रहने का अनुमान जताया गया है। वही बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर गिरकर 1.4 फीसद रहने और उभरती अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर सुधार के साथ 4.1 फीसद रहने का अनुमान जताया गया है। दक्षिण एशिया में विकास दर हल्के सुधार के साथ 5.5 फीसद रहने का अनुमान है। इसके साथ पाकिस्तान की विकास दर गिरकर 2.4 फीसद रहने की बात कही गई है। वीडियो बेस्ड आइडेंटिफिकेशन प्रोसेस KYC के लिए लेकर आया है RBI , होंगे यह फायदे सेंसेक्स में 200 और निफ्टी में 60 अंकों के उछाल के साथ खुला बाजार पेट्रोल-डीजल के दामों में फिर हुआ इजाफा, जानिए क्या है आज के रेट