नई दिल्ली: भारतीय नौसेना ने हाल के वर्षों में युद्ध कौशल के सबसे बड़े प्रदर्शनों से एक में अरब सागर में एक बड़ा ऑपरेशन चलाया, जिसमें दो विमानवाहक पोत और 35 से ज्यादा सीमावर्ती विमानों ने हिस्सा लिया. हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय नौसेना ने चीन की बढ़ती दबंगई के बीच यह बड़ा युद्धभ्यास किया है. बता दें कि, नौसैनिक शक्ति का यह प्रदर्शन अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने, क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने और समुद्री क्षेत्र में सहकारी साझेदारी को बढ़ावा देने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. बता दें कि, भारतीय नौसना के अधिकारियों ने आज शनिवार (10 जून) को जानकारी दी है कि नौसेना के विमान वाहक पोत- INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत इस युद्ध अभ्यास के केंद्रबिंदु थे. यह हिंद महासागर और शक्ति-प्रक्षेपण को बढ़ाने की इंडियन नेवी की खोज में एक अहम मील का पत्थर भी है. INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत’फ्लोटिंग सॉवरेन एयरफ़ील्ड’ के तौर पर काम करते हैं, जो मिग-29K फाइटर जेट्स, MH60R, कामोव, सी किंग, चेतक और ALH हेलीकॉप्टरों समेत विमानों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए लॉन्च प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं . रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन नेवी ने अरब सागर (हिन्द महासागर का एक हिस्सा) में 35 से ज्यादा विमानों के साथ जुडवां-वाहत चलन का संचालन किया है. जो हवाई संचालन को सुनिश्चित करने और भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. बता दें कि देश की रक्षा रणनीति को आकार प्रदान करने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने में विमान वाहक का महत्व सर्वोपरि रहेगा. पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने दिया बड़ा बयान क्या रैपिडो-उबर की सेवाओं पर रोक लगाना सही ? केजरीवाल सरकार ने लगाया बैन, तो SC ने केंद्र से माँगा जवाब 'मुझे जेल में ड्राई फ्रूट्स और मिनरल वाटर दो..', कोर्ट से सपा विधायक रमाकांत यादव की मांग