कई बार लोग इस बारें में हमेशा ही जानना चाहते है कि भूत, प्रेत, और पिशाच आदि में क्या अंतर होता है, जिसे आप भूत या आत्मा कहते हैं वह सूक्ष्म शरीर होता है। संसार के सभी जीवो के पास तीन शरीर मौजूद होते है स्थूल ,सूक्ष्म और कारण l स्थूल शरीर के नष्ट हो जाने के उपरांत भी सूक्ष्म और कारण शरीर होता है l सूक्ष्म शरीर को ही भूत अथवा रूह भी बोला जाता है l स्थूल शरीर से सूक्ष्म शरीर का निकल जाना मृत्यु कहलाता है l स्थूल शरीर नष्ट हो जाता है किंतु सूक्ष्म शरीर नष्ट नहीं हो सकता है l यह स्वर्ग नरक अथवा अन्य योनियों में भ्रमण भी करता है l यही भूत प्रेत की योनि में भी जाता है l आधुनिकता की चादर ओढ़े हुए लोग ना तो सूक्ष्म शरीर को जानते हैं और ना ही इससे जुड़ी वजह के बारें में l ना जानने का मतलब यह नहीं होता कि सूक्ष्म और कारण नहीं है l मेरे पास कई प्रश्न आते हैं जो भूत प्रेत से पीड़ित होने के बारें में ही l किसी भी चीज को हवा में नकार देना बहुत आसान है l किंतु यह भी जानना आवश्यक है जिसका नाम होता है उसका रूप भी होता है और उसका अस्तित्व भी देखने के लिए मिलता है। बता दें कि जो व्यक्ति भूखा, प्यासा, संभोगसुख से विरक्त, राग, क्रोध, द्वे ष, लोभ, वासना आदि इच्छाएं और भावनाएं लेकर मृत्यु को प्राप्त हुआ है अवश्य ही वह भूत बनकर भटकता है। और जो व्यक्ति दुर्घटना, हत्या, आत्महत्या आदि से मरा है वह भी भू‍त बनकर भटकता है। हिन्दू धर्म में गति और कर्म अनुसार मरने वाले लोगों का विभाजन किया जाता है- भूत, प्रेत, पिशाच, कूष्मांडा, ब्रह्मराक्षस, वेताल और क्षेत्रपाल। उक्त सभी के उप भाग भी होते हैं। आयुर्वेद का इस पर कहना है कि 18 प्रकार के प्रेत होते हैं। भूत सबसे शुरुआती पद है या कहें कि जब कोई आम व्यक्ति मरता है तो सर्वप्रथम भूत ही बनता। पिशाच: पिशाचों का रिश्ता ईसाई मान्यताओं के 'वैम्पायर' से जोड़ा जाता है। पिशाच उन जीवों को माना गया है जो इंसानों का खून पीकर और उनका मांस खाकर अपना जीवन बिताते है। वैसे तो उन्हें मरा हुआ ही माना जाता है, लेकिन यह भी एक मान्यता है कि पिशाच भी इंसानों की तरह एक योनी है। ये लोग जिंदा थे, अपने परिवारों के साथ रहते थे और शिकार करने के लिए जंगलों में जाया करते थे। ब्रेड के के पैकेट में निकला चूहा...जब भड़के कस्टमर तो कंपनी ने उठाया ये कदम लगाने गई थी महिला कार में आग हुआ कुछ ऐसा उड़ गए लोगों के होश जख्मी बंदर को देख जमा हुई लोगों की भीड़, फिर दिखी इंसानियत की नई मिसाल