राजस्थान के मदरसों में 3000 गैर-मुस्लिम छात्र-छात्राएं, पर शिक्षक एक भी नहीं..! धर्मान्तरण के आरोप

जयपुर: राजस्थान के मदरसों में गैर मुस्लिम, खासकर हिन्दू दलित बच्चों के धर्मांतरण के आरोप लगाए गए हैं। बजरंग दल और RTI कार्यकर्ताओं का कहना है कि इन बच्चों को धीरे-धीरे इस्लामी शिक्षा के जरिए धर्म बदलकर इस्लाम ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। हाल ही में, बजरंग दल ने एक हिन्दू दलित बच्ची का नाम मदरसे में 'सकीना' दर्ज होने का उदाहरण दिया, जबकि उसके पिता का नाम अभी भी हिन्दू है। इसके अलावा, मदरसा में 6 अन्य हिन्दू छात्रों के धर्मांतरण का भी आरोप सामने आया है।

RTI के तहत सामने आई जानकारी के अनुसार, राजस्थान के मदरसों में 3000 से अधिक गैर मुस्लिम छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इनमें से लगभग आधी संख्या लड़कियों की है। ये बच्चे सरकारी या निजी स्कूलों की बजाय मदरसों में पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि, यह तथ्य भी सामने आया है कि इन मदरसों में गैर मुस्लिम शिक्षक बहुत कम हैं। RTI से यह भी पता चला है कि राजस्थान के मदरसों में 33 जिलों में से 15 जिलों में गैर मुस्लिम शिक्षिकाओं की संख्या शून्य है, जबकि बाकी जिलों में भी सिर्फ एक या दो शिक्षक ही हैं। इस जानकारी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब मदरसों में गैर मुस्लिम छात्रों की संख्या इतनी बड़ी है, तो उनके लिए शिक्षक क्यों कम हैं? मदरसों में गैर-मुस्लिम छात्र मंजूर हैं, लेकिन एक भी गैर-मुस्लिम शिक्षक मंजूर नहीं है, शिक्षक मुसलमान ही होना चाहिए, जिसे इस्लाम का ज्ञान हो? तो क्या ये बच्चे केवल इस्लामी शिक्षा ले रहे हैं, या उनके विचारों को भी बदला जा रहा है, ताकि उन्हें धर्मांतरण के लिए उकसाया जा सके? राजस्थान के मदरसा बोर्ड द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कोटा जिले में 184 लड़कियां और 156 लड़के मदरसे में पढ़ रहे हैं, जबकि अन्य जिलों में भी बड़ी संख्या में गैर मुस्लिम बच्चे तालीम ले रहे हैं। 

RTI कार्यकर्ता सुजीत स्वामी का मानना है कि यह स्थिति असामान्य है, क्योंकि अधिकांश स्थानों पर सरकारी स्कूल भी मौजूद हैं। उनका कहना है कि अगर मदरसों में गैर मुस्लिम छात्रों को अलग से क्लास नहीं दी जा रही है, तो यह कैसे सुनिश्चित किया जा सकता है कि उनका ब्रेनवॉश नहीं किया जा रहा है?

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