हाल ही में आंध्र में लकड़ी के रथ ने आग लगने से हड़कंप मच गया. आंध्र प्रदेश के बंदोबस्ती मंत्री वेलामपल्ली श्रीनिवास राव ने सोमवार को अटकलें लगाई कि क्या अतरवेद्दी स्थित लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में अग्निकांड में संभावित मिलीभगत थी, जहां रविवार तड़के एक लकड़ी के रथ में आग लगा दी गई. मंत्री ने मीडिया से कहा, चीजों को देखते हुए... हमें संदेह है कि यह विपक्षी दलों द्वारा सरकार को बुरा नाम लाने की साजिश हो सकती है . सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी दुर्भावनापूर्ण प्रचार चलाया जा रहा है. वहीं सरकार के खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र हैं कि हिंदुओं के साथ कुछ हो रहा है . उन्होंने आगे कहा, हमने पुलिस से इस घटना की पूरी जांच करने को कहा है क्योंकि कुछ महीने पहले एसपीएस नेल्लोर जिले के एक मंदिर में भी ऐसी ही घटना हुई थी, जहां एक रथ जलाया गया था . हमने बंदोबस्ती अधिकारियों से अगले साल मार्च तक दोनों रथों का निर्माण करने को भी कहा है . उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सभी मंदिरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. "आम तौर पर, मंदिर रथ 40-50 फीट ऊंचे होते हैं और वे मंदिर परिसर के बाहर खड़ी होती हैं. कुछ सुरक्षित हैं, दूसरों को नहीं और वहां वास्तव में उन पर कोई इलेक्ट्रॉनिक निगरानी है . अब हमने अधिकारियों से निगरानी बढ़ाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है . ऐतिहासिक अतरवेदी मंदिर में लक्ष्मी नरसिंह स्वामी के विवाह उत्सव में 'रथोत्सवम' के दौरान इस्तेमाल किए गए 60 वर्षीय और 40 फीट ऊंचे लकड़ी के रथ को राख करने वाली आग का सही कारण अभी स्थापित नहीं हो पाया है. अग्निशमन सेवा कर्मी और फोरेंसिक विशेषज्ञ आग लगने के कारणों का पता लगाने में जुटे हैं. 2 अक्टूबर 2014 को पीएम मोदी ने किया था स्वच्छ अभियान का एलान यूपी कांग्रेस समिति की है विधानसभा चुनाव पर नजर, किया संगठन विस्तार उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर मायावती ने उठाये प्रश्न, योगी सरकार को लेकर कही ये बात