इम्फाल: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में भड़की हिंसा को 2 माह हो चुके हैं, मगर अभी भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं. कई इलाकों से निरंतर हिंसा की खबर सामने आ रही है. सरकार शांति बहाली के प्रयासों में लगी हुई है, किन्तु उपद्रवी लगातार इसमें खलल डालने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच सीएम एन बीरेन सिंह ने मणिपुर हिंसा को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने आशंका जताई है कि इस हिंसा की साजिश पहले ही रच ली गई थी और इसमें विदेशी ताकतों का हाथ भी हो सकता है. सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि, मणिपुर की बॉर्डर म्यांमार से लगती हैं. चीन भी पास में है. हमारी तक़रीबन 398 किमी सीमाएं असुरक्षित है. हमारी सीमाओं पर सुरक्षा बल तैनात हैं, मगर ये तैनाती भी इतने बड़े क्षेत्र को कवर नहीं कर सकती है. ऐसे में ये पूरा मामला पहले से निर्धारित मालूम पड़ता है, लेकिन इसके पीछे की वजह अभी स्पष्ट नहीं है. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि वो इसकी पूरी तरीके से पुष्टि नहीं कर सकते. वहीं, दूसरी तरफ हाल ही में रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने म्यांमार के दौरे पर पहुंचे . उन्होंने यहां शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति कायम रखने, बॉर्डर पार अवैध आवाजाही और ड्रग ट्रैफिकिंग और स्मगलिंग के बढ़ते मामलों पर मंथन किया. रक्षा सचिव 30 जुलाई को म्यांमार के दौरे पर पहुंचे थे. यहां उन्होंने राज्य प्रशासनिक परिषद के प्रमुख वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग और म्यांमार के रक्षा मंत्री जनरल (रिटायर्ड) म्या तुन ओ के साथ भी मुलाकात की. बता दें कि, भारत के लिए म्यांमार इसलिए आवश्यक है, क्योंकि दोनों देश 1700 किलोमीटर लंबी बॉर्डर साझा करते हैं. ऐसे में म्यांमार में होने वाली किसी भी घटना का सीधा प्रभाव भारत के बॉर्डर एरिया पर पड़ता है. नितीश सरकार का विरोध कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों पर पुलिस का लाठीचार्ज, कई घायल, हिरासत में 18 लोग गैंगस्टर्स को 'कालापानी' ! उत्तर भारत के खूंखार कैदियों को अंडमान जेल भेजने की तैयारी 'भारत सरकार पूरे देश में मनाएगी रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती, जीवन पर बनेगी फिल्म..', पीएम मोदी ने किया ऐलान