कोच्ची: केरल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सिमी रोजबेल जॉन ने पार्टी में महिलाओं के साथ हो रहे शोषण को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पार्टी में भी फिल्म इंडस्ट्री की तरह कास्टिंग काउच जैसी स्थिति है, जहां केवल उन महिलाओं को आगे बढ़ाया जाता है, जो बड़े नेताओं की करीबी हैं। सिमी रोजबेल के इन आरोपों की जांच करने के बजाए, कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिमी रोजबेल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि महिलाओं का शोषण राजनीति और दफ्तरों में भी होता है। उन्होंने बताया कि कई महिला सहयोगियों ने उन्हें अपने बुरे अनुभव साझा किए हैं और उन्होंने हमेशा सलाह दी है कि वे अकेले नेताओं से न मिलें और अपने परिवार के किसी सदस्य या दोस्त को भी साथ ले जाएं। रोजबेल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस में भी फिल्म उद्योग की तरह कास्टिंग काउच जैसे हालात हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में केवल वही महिलाएं तरक्की करती हैं जो शीर्ष नेताओं के करीबी संपर्क में होती हैं। उन्होंने कई महिला नेताओं की राजनीतिक क्षमता पर भी सवाल उठाए। सिमी रोजबेल ने यह भी कहा कि उनके पास कई महिलाओं के अनुभव और सबूत मौजूद हैं, लेकिन उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव का कोई खुलासा नहीं किया। इन आरोपों के बाद, कांग्रेस ने कोई जवाब देने या सबूत देखकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए, सिमी रोजबेल को ही पार्टी से निष्कासित कर दिया है। जिससे देश पर सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस पर सवाल उठने लगे हैं। आलोचकों का कहना है कि यूँ तो प्रियंका गांधी, लड़की हूँ लड़ सकती हुईं के नारे लगाती है, लेकिन उनकी पार्टी में एक महिला को अपनी बात का भी हक नहीं। वहीं, पार्टी से निकाले जाने के बाद भी सिमी रोजबेल की प्रतिक्रिया सामने आई है, उन्होंने कहा है कि कांग्रेस में उन महिलाओं को काम करने का मौका नहीं मिलता, जिनके पास गरिमा होती है। उन्होंने केरल के बड़े नेता वीडी सतीशन पर भी आरोप लगाए। सिमी रोजबेल के आरोपों के बाद, राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी CPIM ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सवाल उठाए हैं। हालाँकि, ये पहली बार नहीं है, जब कांग्रेस ने अपनी महिला नेताओं को आवाज़ उठाने के लिए बाहर का रास्ता दिखाया है। इससे पहले भी कॉन्ग्रेस ने उन नेताओं को पार्टी से बाहर किया है, जिन्होंने बड़े नेताओं के खिलाफ बोलने की कोशिश की। उदाहरण के तौर पर, यूथ कॉन्ग्रेस की पूर्व अध्यक्ष अंगकिता दत्ता को भी पार्टी से निकाल दिया गया था, जिन्होंने यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास और सेक्रेटरी इंचार्ज वर्धन यादव पर लैंगिक भेदभाव, उत्पीड़न और बदजुबानी का आरोप लगाया था। दत्ता ने कहा था कि राहुल गांधी ने उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया और उनका उत्पीड़न जारी रहा। इसी तरह कांग्रेस प्रवक्ता राधिका खेड़ा के साथ हुआ था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने शराब पीकर उनके साथ छेड़खानी की है। राधिका ने इसके लिए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, भूपेश बघेल, सचिन पायलट से भी शिकायत की और न्याय की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उनकी सुनवाई नहीं की। 10 साल तक कांग्रेस में सेवाएं देने वाली प्रियंका चतुर्वेदी का भी ऐसा ही किस्सा है, उनके साथ मथुरा में एक प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस नेताओं ने बदसलूकी की थी। जिसके बाद प्रियंका ने प्रेस वार्ता छोड़ दी, लेकिन तब कांग्रेस नेता उनके कमरे तक पहुँच गए और बदतमीजी की। शिकायत पर 8 कांग्रेस नेताओं को कुछ दिन के लिए निलंबित किया गया, लेकिन जल्द ही उनकी वापसी हो गई। आखिरकार प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस छोड़कर शिवसेना (उद्धव गुट) ज्वाइन कर ली। इसके अलावा महिलाओं के लिए कांग्रेस नेताओं के बयान भी काफी चर्चित रहे हैं। फिर वो पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का एक महिला को टंच माल कहना हो या दिग्गज कांग्रेसी कमलनाथ द्वारा एक महिला विधायक को आइटम कहना हो। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी पीछे नहीं हैं, उन्होंने महिला विधायक इमरती देवी पर कहा था कि इमरती देवी का तो रस ख़त्म हो चुका है। हालाँकि, इन नेताओं के बयान पर कांग्रेस हाईकमान ने कोई कार्रवाई नहीं की है। 'मुझे पोहा चाहिए…', पति ने कर दिया इंकार तो पत्नी ने उठा लिया खौफनाक कदम कंधे पर नाग देवता की मूर्ति उठाकर शख्स ने पैदल मंदिर तक पहुंचाई, जानिए वजह यूनिफाइड पेंशन स्कीम के पीछे सरकार का उद्देश्य क्या ? जानें हर सवाल का जवाब