फिल्मों में अपने विशालकाय ड्रैगन देखे होंगे. यह दुनिया का एक मात्रा काल्पनिक जीव है जो कि चीन एक प्रतीक चिन्ह है. ड्रैगन के नाम से ही आपके दिमाग में एक ऐसी जीव का चित्र सामने आता है जो कि हवा में उड़ सकता है, मुंह से आग उगलता है. लगभग सभी देशो के मिथकों में ड्रैगन या सपक्ष नाग का उल्लेख मिलता है. चीन और कई देशों में ड्रैगन आस्था का केंद्र है. कई जगहों पर इसके मंदिर भी हैं. भारत के कुछ भागों में इसे अझ़दहा के नाम से जाना जाता उत्तर-पूर्व में कई जगहों पर लोगों इससे अस्थायें जुड़ी हुई हैं. यह हिन्दू व बौद्ध धार्मिक आस्थाएं के प्रचलन में हैं. यहाँ तक कि मणिपुर के पाखंगबा एक प्रकार के दिव्य-प्राणी का मंदिर है जिसे वे देवता मानते हैं. इस मंदिर में स्‍थापित इस देवता का स्वरूप बिल्कुल ड्रैगन जैसा है. प्राचीन हिन्दू ग्रंथों में ड्रैगन की व्याख्या अझ़दहा नाम से की गई है. थाईलैण्ड की राजधानी बैंकॉक में तो ड्रैगन के कई मंदिर भी है. जहां पर लोग इसे पूजते हैं. वहां मंदिर की बाहरी आकृति हू-ब-हू ड्रैगन की तरह है. बैंकॉक से करीब 40 किमी दूर यह मंदिर बना हुआ था है. इसके अलावा इस मंदिर में भगवान बुद्ध की भी मूर्तियां मौजूद हैं. स्थानीय लोगों की ड्रैगन से काफी आस्था जुड़ी हुई है वो इसे भगवान मानते हैं. वहीं इस मंदिर को अपना पवित्र स्थान मानते है. ये पांच शख्स हैं रियल लाइफ के सुपर हीरो, खासियत जानकर रह जाएंगे हैरान गूगल से पूछा बॉलीवुड का सबसे खराब एक्टर कौन है, जवाब देखकर तो हालत ढीली हो गई बारिश की बूंदों की जगह यहाँ बरसने लगे ऑक्टोपस और समुद्री मछलियां