मुंबई: महाराष्ट्र में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इस बीच, NCP (शरद पवार गुट) के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता शरद पवार ने बताया कि चुनाव से पहले महाविकास अघाड़ी (एमवीए) को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम के ऐलान करने की कोई आवश्यकता नहीं है। पवार ने कहा कि महागठबंधन सामूहिक नेतृत्व के तहत ही चुनाव लड़ेगा। यह बयान ऐसे वक़्त में आया है जब शिवसेना (उद्धव गुट) सीएम पद के लिए उद्धव ठाकरे का नाम आगे बढ़ाने की पैरवी कर रही है। हालांकि, पवार का स्पष्ट कहना है कि गठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार इस बात पर निर्भर करेगा कि चुनाव में कौन सी पार्टी कितनी सीटें जीतती है। पवार ने कहा कि चुनाव से पहले सीएम पद के उम्मीदवार का नाम घोषित न करने से कोई समस्या नहीं है। इसके बारे में सोचने की भी कोई जरुरत नहीं है। चुनाव बाद के परिणामों के आधार पर ही सब कुछ तय होगा। चुनाव से पहले इस प्रकार की व्यवस्था की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि फिलहाल मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की मांग करने की कोई आवश्यकता नहीं है। हम सब साथ मिलकर बैठेंगे एवं लोगों के समर्थन से एक स्थिर सरकार देंगे। ध्यान हो कि महाराष्ट्र में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) एवं NCP (शरद पवार गुट) के गठबंधन का नाम महाविकास अघाड़ी (एमवीए) है। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी का मुकाबला सत्तारूढ़ महायुति से है, जिसमें भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना एवं अजित पवार की NCP सम्मिलित हैं। महाराष्ट्र में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, क्योंकि विधानसभा का कार्यकाल इस वर्ष 26 नवंबर को समाप्त हो जाएगा। अक्टूबर-नवंबर में यहां की 288 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होंगे। पिछले चुनाव में भाजपा को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 एवं कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं। हालांकि, चुनाव के पश्चात् शिवसेना ने NDA से अलग होकर NCP एवं कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने। जून 2022 में शिवसेना में आंतरिक कलह हो गई, फिर एकनाथ शिंदे ने पार्टी के 40 विधायकों को तोड़ लिया। एकनाथ शिंदे भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बने। अब शिवसेना दो गुटों में बंट चुकी है, और शरद पवार की NCP भी दो गुटों में विभाजित हो गई है—एक शरद पवार गुट और दूसरा अजित पवार गुट। हाल ही में शरद पवार ने दावा किया कि महाराष्ट्र में इस वर्ष होने वाले चुनाव में महाविकास अघाड़ी (एनसीपी (शरद पवार गुट), कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट)) 225 सीटें जीतेगी। महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों के लिए भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) एवं अजित पवार की NCP ने मिलकर चुनाव लड़ा था। हालांकि, 2019 की तुलना में इस बार महाराष्ट्र में NDA को काफी नुकसान हुआ है। तीनों पार्टियां मिलकर केवल 19 सीटें ही जीत सकीं, जिनमें भाजपा एवं शिवसेना (शिंदे गुट) ने 9-9 सीटें एवं अजित पवार की NCP ने 1 सीट पर जीत हासिल की। दूसरी ओर, इंडिया ब्लॉक ने 28 सीटें जीतीं। कांग्रेस ने 13, शरद पवार की NCP ने 8 तथा शिवसेना (उद्धव गुट) ने 7 सीटें जीतीं। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की। 'मुख्यमंत्री जी को सदमा लगा है क्या...', CM योगी के बयान पर अखिलेश का हमला दिल्ली से विशाखापत्तनम जा रहे एयर इंडिया विमान को मिली बम से उड़ाने की धमकी विभव कुमार की बेल से केजरीवाल की पत्नी को मिला ‘सुकून’, देखकर भड़कीं स्वाति मालीवाल