रायपुर: छत्तीसगढ़ के एक सरकारी चिकित्सालय में पहली बार लेजर तकनीक से एंजियोप्लास्टी की गई है। चिकित्सकों का दावा है कि देश में भी पहली बार एंजियोप्लास्टी के लिए लेजर तकनीक का सहारा लिया गया है। चिकित्सकों ने बताया, इस तकनीक से मरीज की दिल की नली में बने खून के थक्के को भाप में बदला गया, जिससे रोगी की जान बच गई। ये मामला एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट मेडिकल कॉलेज, रायपुर की है। यहां पिछले मंगलवार को एक हार्ट अटैक का मरीज पहुंचा था। जांच में पता चला, रोगी की दिल की नली में खून का थक्का जम गया है। तत्पश्चात, चिकित्सकों ने मरीज की अन्य जांच भी की। पहली बार लेजर तकनीक का हुआ उपयोग:- डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया, मरीज की आयु केवल 30 वर्ष थी। ऐसे में हमने नली में जमे खून के थक्के को भाप बनाने का फैसला लिया। उन्होंने कहा, इस तकनीक की सहायता से आधे घंटे के भीतर व्यक्ति की रक्त की नली में जमा थक्का भाप बन गया एवं रक्त संचार सुचारू तौर पर होने लगा, जिससे उसकी जान बच गई। वही डॉक्टर्स के इस चमत्कार से मरीज के घर में ख़ुशी का माहौल है तथा हर कोई डॉक्टर्स का आभार व्यक्त कर रहा है। यूपी सरकार की बुलडोज़र एक्शन पर नहीं लगेगी रोक.., जमीअत की याचिका पर बोला सुप्रीम कोर्ट क्या वापस होगी 'अग्निपथ' योजना ? 15 जुलाई से शुरू होगी 'सुप्रीम' सुनवाई Ind Vs Eng: रोहित का 'दर्दनाक' सिक्सर, स्टैंड्स में बैठी छोटी बच्ची को जा लगी गेंद, Video