जमशेदपुर: झारखंड के जमशेदपुर से 30 जुलाई को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहाँ एक शख्स ने जब ऑटोरिक्शा बुक किया तथा उसमें बैठा, तो उसे ऑटो में एक बच्ची की फोटो लगी हुई नजर आई। फोटो देखकर वह व्यक्ति दंग रह गया और ऑटो ड्राइवर से पूछा कि यह बच्ची कौन है। ड्राइवर ने जवाब दिया कि यह उसकी भांजी है, मगर व्यक्ति का दावा था कि यह उसकी खुद की बेटी है। इस पर दोनों के बीच बहस हुई तथा मामला पुलिस तक पहुंच गया। प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार, साढ़े 3 साल पहले अविनाश प्रसाद की पत्नी संगीता ने जमशेदपुर के एक नर्सिंग होम में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। नर्सिंग होम ने परिवार को बताया कि एक बच्चा जीवित है, जबकि बच्ची की मौत हो गई है। परिवार ने उस समय नर्सिंग होम की बात मान ली। मगर अब जब अविनाश ने ऑटो में बच्ची की तस्वीर देखी, तो उसने दावा किया कि यह उसकी बेटी है तथा नर्सिंग होम पर बच्ची बेचने का आरोप लगाया। अविनाश ने कहा कि बच्ची की शक्ल बिल्कुल उसकी तरह है, तथा जुड़वा भाई की शक्ल भी ऐसी ही है। मामले में संगीता मौर्य उर्फ संगीता प्रसाद ने सिदगोड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई है। दंपति DNA टेस्ट कराने की मांग कर रहा है। पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है। संगीता ने पुलिस को बताया कि वह सिदगोड़ा मिथिला कॉलोनी की निवासी हैं। उन्होंने 7 जनवरी 2021 को सिदगोड़ा के नर्सिंग होम में डिलीवरी की थी। चिकित्सालय ने उन्हें बताया कि बेटी मृत है तथा शव भी नहीं दिया। इसके बाद वे बेटे को लेकर घर चले आए। संगीता ने आरोप लगाया कि उनके पति अविनाश ने 30 जुलाई को बारीडीह चौक पर ऑटो बुक किया। ऑटो में लगी बच्ची की तस्वीर उनके बेटे जैसी थी। जब उन्होंने ड्राइवर से पूछा तो उसने बताया कि यह उसकी भांजी है। अविनाश को शक हुआ कि यह उनकी जुड़वां बेटी हो सकती है, जिसे मृत बताकर बेच दिया गया था। उन्होंने डीएनए टेस्ट की मांग की है और बच्ची की वापसी की भी इच्छा जताई है। विक्की कौशल की ‘बैड न्यूज’ ने मचाई धूम, तीसरे हफ्ते में भी बरकरार है रफ्तार MP में मदरसों पर बड़ा एक्शन, 56 की मान्यता हुई रद्द प्रदेश की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलेगा बीमा योजना का लाभ