ढाका: दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेश में भड़की हिंदू विरोधी हिंसा की साजिश काफी पहले ही रच ली गई थी। अब दो मुख्य आरोपियों ने हिन्दुओं के खिलाफ रचे गए इस पूरे षड्यंत्र का खुलासा किया है। दोनों आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ के अलावा कोर्ट में भी बताया है कि हिंदू समुदाय के विरुद्ध हिंसा की आग भड़काने के लिए उन्होंने किस प्रकार सुनियोजित तरीके से कदम उठाए। अब बांग्लादेश की पुलिस कोर्ट में इनके खिलाफ पुख्ता सबूत दायर करने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि कोर्ट से इन आरोपियों को मौत की सजा हो सकती है। अधिकारियों के अनुसार, मुख्य आरोपियों में से एक सैकत मंडल ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना जुर्म कबूल किया है। उसने बताया है कि फेसबुक के माध्यम से उसने लोगों को उकसाया। जिसके परिणामस्वरूप 17 अक्टूबर को रंगपुर के पीरगंज उपजिला में दुर्गा पूजा के दौरान हिंसा की वारदातें हुईं। सैकत मंडल के साथी रबी-उल-इस्लाम ने मजिस्ट्रेट को बताया कि उसने भी लोगों को हिंदुओं के खिलाफ उकसाया और हिंसा फैलाने में हिस्सा लिया। बता दें कि बांग्लादेश में 13 अक्टूबर से हिंसा की कई घटनाएं हुई थीं। रबी-उल-इस्लाम और सैकत मंडल को पुलिस ने बीते शुक्रवार को गाजीपुर से अरेस्ट किया था। इन दोनों को डिजिटल सुरक्षा एक्ट के तहत अरेस्ट किया गया है। सैकत मंडल फिलोसॉफी का छात्र है और रंगपुर के कार्माइकल कॉलेज में पढ़ता है। वह सत्ताधारी अवामी लीग के छात्र संघ का मेंबर था। पार्टी ने गिरफ्तारी के बाद सैकत को निकाल दिया है। पुलिस के मुताबिक, सैकत में अपने फेसबुक अकाउंट में निरंतर भड़काऊ बातें लिखीं और अपने फॉलोअर बढ़ाए। वहीं, रबी-उल-इस्लाम पर आरोप है कि उसने शुक्रवार को मस्जिद से लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को भड़काने वाली नारेबाजी की। पीरगंज में ये अफवाह उड़ाई गई थी कि एक हिंदू शख्स ने फेसबुक के माध्यम से ईशनिंदा की है। जिसके बाद ही 70 से अधिक हिंदू घरों और मंदिरों को आग लगा दी गई थी। हिंसा के मामले में अब तक पुलिस ने 70 केस दर्ज किए हैं। अब तक 683 लोगों को अरेस्ट किया गया है। जबकि पुलिस 24 हजार अज्ञात आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल प्रमुख ने लेबनान और इस्राइल से ब्लू लाइन का सम्मान करने का किया आग्रह ईरान परमाणु वार्ताकार ने यूरोपीय संघ के राजनयिक के साथ बैठक की घोषणा की इजराइल से रिश्ते न रखें मुस्लिम देश, ये पाप है - अली खामेनेई