नागपुर: बुधवार को नागपुर के संविधान सम्मान सम्मेलन में कांग्रेस सांसद एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने घोषणा की कि देश में जाति जनगणना अवश्य होगी। इस मौके पर उन्होंने भाजपा एवं RSS पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना से ओबीसी, दलितों एवं आदिवासियों के साथ हो रहे अन्याय का पता चलेगा। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार के चलते, राहुल गांधी ने जाति जनगणना, OBC की हिस्सेदारी तथा संविधान की रक्षा जैसे तीन मुद्दों पर चर्चा की। राहुल गांधी ने कहा कि जाति जनगणना विकास का एक नया प्रतिमान है तथा वे 50 प्रतिशत की आरक्षण सीमा को तोड़ने के लिए भी तैयार हैं। उनका उद्देश्य देश में 90 प्रतिशत से ज्यादा हाशिए पर पड़े लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि हर प्रदेश में आपको कुछ ऐसे नाम मिलेंगे जो हमारी यादों में हैं। गांधी एवं अंबेडकर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ये सिर्फ व्यक्तियों की बातें नहीं हैं; अंबेडकर की आवाज में लाखों लोगों की आवाजें थीं। अगर अंबेडकर की आवाज को सुना गया होता, तो आज हमें उनकी कमी महसूस न होती। उनके शब्दों में दूसरों का दर्द झलकता था, तथा मैंने उनकी किताबें पढ़कर यह महसूस किया है कि अंबेडकर केवल अपने मन की बात नहीं कह रहे थे, बल्कि दूसरों के दर्द को व्यक्त कर रहे थे। राहुल गांधी ने कहा कि डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा तैयार किया गया संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। भाजपा तथा RSS द्वारा संविधान पर हमला करने का अर्थ है देश की आवाज पर हमला करना। आगे उन्होंने कहा कि भारत का संविधान सिर्फ कांग्रेस का नहीं है। अंबेडकर से संविधान बनाने के लिए कहा गया था तथा उस वक़्त देश उनसे यह कह रहा था। हमारा मानना है कि इस संविधान में देश के करोड़ों दलितों के दर्द की गूंज सुनाई देनी चाहिए। 'पहली बीवी के साथ ‘मानसिक क्रूरता’ है मुस्लिमों का दूसरा निकाह', मद्रास HC की अहम-टिप्पणी हिंदू लड़का और मुस्लिम लड़की... कुछ ऐसा हुआ प्रेम कहानी का अंत, मचा कोहराम 'आतंकियों को पनाह दी तो मिट्टी में मिला देंगे घर', LG मनोज सिन्हा ने दी-चेतावनी