भोपाल : कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए शहर के मुस्लिम समाज ने बड़ा फैसला लिया है. अब शहर की मस्जिदों में सामूहिक नमाज नहीं होगी. लोगों को घर में ही नमाज अता करने कहा जा रहा है. इसके लिए शहर की विभिन्न मस्जिदों से इमाम इस बात का ऐलान कर रहे हैं. शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज पर भी पाबंदी लगा दी गई है. जुमे को होने वाली सामूहिक नमाज में सिर्फ चार से पांच लोग ही मस्जिद में नमाज अता कर पाएंगे. मस्जिदों में इसके पोस्टर भी चिपका दिए गए हैं. गुरवार को शहर के मुफ्ती मोहम्मद अबुल कलाम कासमी की ओर से जारी इस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुसलमानों से अपील की जाती है कि शरीयत की गुंजाइश अमल करते हुए जुमे की नमज के लिए किसी भी मस्जिद में लोग जमा नहीं हो. अपने घर में ही जुहर की नामाज अदा करे. मस्जिदों को कायम रखने के लिए सिर्फ मस्जिदों में पांच लोग ही नमा अदा करें. उन्होंने कहा कि इस विश्व व्यापी महामारी को लोग तमाशा नहीं समझे. अल्लाह के गजब के गुस्से को ठंडा करने के लिए हस्बे हैसियत सदका खैरात करें. तौबा इस्तगफार करें, अल्लाह को राजी करने की कोशिश करें और कर्फ्यू का पालन करें. घर हो या मस्जिद कही भी बाते करने खड़े नहीं हो. उन्होंने मस्जिदों के इमामों से कहा है कि वे मस्जिदों से ये ऐलान करे कि लोग अपने घरों में ही नमाज अता करें. इससे पहले बुधवार की शाम को भी शहरकाजी सैयद मुश्ताक अली ने मुस्लिम समाज के लोगों से घरों पर ही नमाद अता करने की अपील की थी. उन्होंने सभी मस्जिदों के काजियों से ये कहा था कि वे मस्जिद से अजान के बाद लोगों से कहें कि लोग अपने-अपने घरों पर ही नमाज अता करें. बिना कोई कारण घर से न निकले. शहर काजी ने लोगों से ये भी अपील की है कि सभी लोग अपने अपने मोहल्ले में जरूरतमंद लोगों का ध्यान रखें कि किसी को खाने और किसी अन्य जरूरी चीज की आवश्यकता हो तो उसे मुहैया कराएं. इलाज के दौरान दो संदिग्ध मरीजों की हुई मौत 8.23 करोड़ रुपए की लागत से नेहरू पार्क को किया जाएगा विकसित आखिर क्यों सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर बना मुसीबत?