आपके ऊपर बैंक का लोन चल रहा है या किसी से रुपये पैसे कर्ज लिए हैं तथा उन्हें चुकाने में दिक्कत आ रही है तो इसका ऊपरी कारण धन की कमी या आकस्मिक व्यय हो सकता है। मगर इन सबके पीछे आपके ग्रह नक्षत्र एवं भाग्य का भी हाथ होता है। इस प्रकार की परेशानी से मुक्ति के लिए कुछ मंत्र शास्त्रों और पुराणों में उपस्थित हैं जो आपके आस-पास की नकारात्मकता को दूर करके इस योग्य बनने की क्षमता देता है जिससे आप कर्ज से मुक्ति मिल सकें। * कर्ज मुक्ति के लिए श्रीलक्ष्मी गायत्री मंत्र 'ओम ह्रीं महालक्ष्मी च विद्महे विष्णुपत्नीं च धीमहि तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ह्रीं ओम, का जप भी बहुत लाभदायी माना गया है। इस मंत्र के जप का विधान यह है कि मनुष्य को कमलगट्टे की माला से नियमित 1008 बार जप करना चाहिए। * 'ओम आं ह्रीं क्रौं श्रीं श्रियै नमः ममालक्ष्मीं नाशय नाशय ममृणोत्तीर्णं कुरु कुरु संपदं वर्धय वर्धय स्वाहा।' ऐसी परम्परा है कि इस मंत्र का 44 दिनों तक दस हजार बार जप, धन लाभ में सहायक होता है तथा मनुष्य को कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है। * ऋण मुक्ति के लिए के लिए नियमित ऋण मुक्ति गणेश स्तोत्र का पाठ फलदायी माना गया है। अपनी सुविधा के मुताबिक इसका पाठ कभी भी कर सकते हैं। * प्रत्येक मंगलवार ऋण मोचक मंगल स्तोत्र का पाठ ऋण से मुक्ति के लिए लाभप्रद माना गया है। नियमित तौर पर हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी सभी प्रकार के कर्ज से छुटकारा प्राप्त हो जाता है। * शंकराचार्य द्वारा रचित कनकधारा स्तोत्र धन बाधा दूर करने के लिए बहुत ही कारगर माना गया है। ऋण मुक्ति के लिए नियमित इनका पाठ भी फलदायी होता है। बंगाल: मिड डे मील में निकला मरा हुआ सांप, खाने खाने के बाद कई बच्चे बीमार, अस्पताल में भर्ती 'सुपरमॉम' की बेटी ने दिया 4 शावकों को जन्म मंदिर, मस्जिद, चर्च के बाद अब वाहेगुरु की शरण में राहुल गाँधी, कल से पंजाब में भारत जोड़ो यात्रा