आप सभी जानते ही होंगे शनि देव का दिन शनिवार का माना जाता है। ऐसे में शास्त्रों में शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है। वहीं शनिदेव कई वाहनों की सवारी करते हैं इनमे सबसे आम कौवा है जिसे शनिदेव का मुख्य वाहन माना गया है। वहीं शास्त्रों में शनि के कुल 9 वाहनों का जिक्र किया गया है। वहीं ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में नक्षत्र,वार और तिथि की गणना से यह पता किया जा सकता है कि व्यक्ति की राशि में शनिदेव किस वाहन के साथ गोचर कर रहे हैं। आप सभी को आज हम बताने जा रहे हैं शनि का कौन सा वाहन आपके के लिए होता है शुभ और कौन सा अशुभ। * शनिदेव के सभी 9 वाहनों में हंस पर सवार शनि भगवान को सबसे शुभ माना जाता है। कहा जाता है हंस पर सवार शनिदेव को व्यक्ति के मान-सम्मान और संपन्नता का प्रतीक माना गया है। * अगर शनि का वाहन सियार हो तो इसे अशुभ माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। आर्थिक नुकसान होने की संभावना ज्यादा रहती है। * अगर शनि का वाहन भैंसा होता है तो व्यक्ति को उसके जीवन में मिला-जुला फल प्राप्त होता है। केवल यही नहीं बल्कि तमाम कोशिशों के बाद ही उसे कार्यों में सफलता मिलती है। * अगर शनि का वाहन कौआ हो तो परिवार के सदस्यों के बीच में कलह बढ़ जाती है। इस दौरान शांति से मसले सुलझाना चाहिए। * हाथी भी शनि देव का वाहन होता है और इसे भी शुभ नहीं माना जाता है। जी दरअसल यह विपरीत फल देता है। * सिंह भी शनिदेव का वाहन है। कहा जाता है सिंह पर सवार होने से शत्रुओं पर विजय प्राप्ति होती है। * शनिदेव घोड़े पर सवार होकर आते हैं और जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं। आपको बता दें कि घोड़े को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। * जब शनिदेव का वाहन गधा होता है इसे शुभ नहीं माना जाता है। जी हाँ क्योंकि इस दौरान काफी प्रयास के बाद ही सफलता प्राप्त होती है। * कुत्ते और गिद्ध पर सवार शनि का गोचर होने पर व्यक्ति के घर चोरी, बीमारी और कई प्रकार से आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। इसी के साथ गिद्ध पर सवार शनि व्यक्ति को लगातार बीमार करते हैं। आखिर क्यों करते हैं पीपल के पेड़ का पूजन, जानिए पौराणिक कथा शनिदेव की इस कथा को पढ़ने से दूर होता है आर्थिक संकट इस वजह से भगवान शिव ने 19 सालों तक शनिदेव को पीपल के पेड़ से लटकाया था उल्टा