इन चार चीज़ों का अविष्कार भारत ने किया था

भारत ने दुनिया के कई अद्भुत अविष्कार दिए हैं जिन्होंने पूरी दुनिया को बाद दिया. जैसे शुन्य का अविष्कार भारत के महान गणितज्ञ आर्यभट्ट ने किया था पर पश्चिमी देश इस बात को स्वीकार नहीं करते हैं.  कई भारतीय आविष्कार ऐसे हैं जिनके बारे में लोगों को आज भी नहीं पता कि उनका आविष्कार भारत में हुआ है. तो चलिए आज आपको ऐसे ही 4 आविष्कारों के बारे में बताते हैं, जिनका जन्म भारत में हुआ है. 

अगर लिखते-लिखते आपके पेन की स्याही खत्म हो जाये तो तुरंत ही आप दुकान से जाकर पेन के लिए स्याही या इंक लेकर आते हैं, क्योंकि बिना इंक के पेन का कोई भी महत्व नहीं होता है. और इंक का आविष्कार भारत मे हुआ था, सोचिये यह कितनी बड़ी खोज है, लेकिन दुःख की बात है कि भारत के ही कुछ लोग इसे चीन और मिस्र जैसे देशों का आविष्कार बताते हैं.

  शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने अपने बचपन मे साँप-सीढ़ी का यह खेल न खेला हो, यह बचपन में बच्चों के सबसे पसंदीदा खेलों में से एक है. इसका आविष्कार भारत में तेरहवीं सदी में संत ज्ञानेश्वर ने किया था, इसे पहले " " " मोक्षपातम् और परम् पदम् " कहकर बुलाते थे. यह इसकी सबसे पहली तस्वीर है. बाद में यह खेल भारत से होते हुए इंग्लैंड और अमेरिका पहुँचा और आज इस तरह दिखता है.   मोतियाबिंद एक सामान्य रोग है जो अक्सर 50 साल की उम्र के बाद ही होता है, इसका सबसे पहले इलाज भारत के महान वैद्य सुश्रुत ने खोजा था. बहुत सारे लेखों में इस बात का उल्लेख मिला है की सुश्रुत को ऑपरेशन की पूरी प्रक्रिया मालूम थी, बाद में यह भारत से चीन में पहुँचा.

  कपास की खेती का सबसे पहले उपयोग सिन्धु घाटी की सभ्यता में हुआ था, इससे पहले लोग जानवरों की खाल के कपड़े पहनते थे. सोचिये अगर आज कपास नहीं तो हम सब किस चीज के कपड़े पहनते.

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