नई दिल्‍ली : भारत की विश्व मे साख बड़ रही है और इस बात को अमरीका बखूबी समझता है मगर आज भी कुछ मुद्दे है जिनपर दोनों देशो के बीच सहमति नहीं हुई है या यु कहे की उनका जिक्र ही काम किया जा रहा है क्योकि उनके जिक्र से सबंधो मे खटास आने का अंदेशा है. इनमें विशेषकर एच-1बी वीजा नियम, सीमा शुल्‍क और पेरिस समझौता है. राष्ट्रपति ट्रंप को अगर ‘हायर अमेरिका, बाई अमेरिका’ की नीति को सही साबित करना है तो भारत को भी मेक इन इंडिया कार्यक्रम को सफल बनाना है. एच-1 बी वीजा काफी समय से अमेरिका में बसे भारतीयों के लिए बड़ा मुद्दा है. आपको बता दें कि जिन्‍हें एच-1बी वीजा मिलता है उन्हें ही अमरीका में अस्थायी रुप से काम करने की इजाजत होती है, वहीं दूसरी तरफ एच1बी वीजा धारकों के परिवारजनों को एच4 वीजा मिलता है और वो भी अमरीका में रह सकते हैं. इसके अलावा अमेरिका की तरफ से बार-बार आग्रह के बावजूद भारत ने वहां से आयातित मोटर वाहनों, सौर ऊर्जा से जुड़े उपकरणों पर लगाए जाने वाले सीमा शुल्क में कोई राहत नहीं दी है, बल्कि आम बजट 2018 में जिन कई उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाया गया जिससे अमेरिका भारत ने नाराज़ है. आम बजट में भारत ने महंगी मोटरसाइकिलों पर आयात शुल्क को 60 फीसद व 75 फीसद से घटा कर 50 फीसद कर दिया है. इन मुद्दों के आलावा भारत की तरफ से रिटेल सेक्टर में विदेशी कंपनियों के प्रवेश को लेकर ज्यादा कुछ नहीं होने और कृषि आयात के कड़े नियम का मुद्दा भी अमेरिका की तरफ से बार-बार उठाया जाता है. अमेरिका एफटीए तो भारत बीआइटी के पक्ष में है इनके अलावा भी कई छोटे बड़े मुद्दे है जो दोनों देशो के बीच तनाव का कारण बने हुए है. आतंक पर कार्रवाई से तय होंगे पाक से रिश्ते - ट्रम्प प्रिंस हैरी को मिले सनसनीखेज पत्र से रॉयल पैलेस में हड़कंप पाकिस्तान अब फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की निगरानी सूची में शामिल