आज के इस भाग दौड़ भरी लाइफ में कोई भी अपनी सेहत पर खास ध्यान नहीं दे पता है जिसके कारण खान- पान और दिनचर्या के कामों में भी बदलाव देखने को मिल जाता है. और तो और यही बदलाव लगातार हमारे जीवन में होने से कई बार हमारे लिए परेशानी भी बन जाता है. हमारा स्वाथ्य बिगड़ता जाता है और कई बार नई नई बीमारियों से सामना भी करना पड़ता है. लेकिन यदि हम छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखे तो कई बीमारियों से लड़ा भी जा सकता है. मुसीबत न बन जाए गैस: आप सभी यह भी जानते होंगे कि गैस पाचनतंत्र का अनिवार्य हिस्सा है. पाचन की प्रक्रिया में कार्बन डाई ऑक्साइड, हाइड्रोडन और मीथेन के रूप में गैस बनती ही रहती है और अपान वायु, डकार आदि के रूप में शरीर के बाहर निकलती है. एक वयस्क व्यक्ति दिन भर में आमतौर पर 1 से 4 पाइन्ट गैस पैदा करता है, 10 से 20 बार तक इसे खारिज करता है. जिन लोगों में गैस की समस्या ज्यादा होती है, उन्हें जरूर सावधान होने की जरूरत है. क्या हैं कारण: जब छोटी आंत में बैक्टीरिया की संख्या जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है, तो गैस ज्यादा बनने लगती है.कार्बोहाइड्रेट अगर छोटी आंत में मौजूद एंजाइम द्वारा पूरी तरह से नहीं पच पाता, तो वह अनपचे रूप में मलाशय में पहुंचता है, जहां बैक्टीरिया उसे हाइड्रोजन और कार्बन डाई ऑक्साइड में बदल देते हैं. इससे बदबूदार गैस की समस्या पैदा होती है. जो बिना ठीक से चबाए जल्दी-जल्दी खाना खाते हैं, उनमें यह समस्या ज्यादा होती है. कब्ज की समस्या के कारण टॉक्सिक बाहर न निकल पाएं, तो गैस की समस्या पैदा हो सकती है. उम्र बढ़ने के साथ पाचन शक्ति कमजोर पड़ने लगती है. ऐसे में दूध आदि से बनी चीजें गैस ज्यादा बनने का कारण बनती हैं. हो सकती हैं ये बीमारियां:- 1 समस्या ज्यादा समय तक रहे तो माइग्रेन हो सकता है. 2 गैस ठीक से खारिज न हो और आंतों में रुकी रहे, तो पेट दर्द हो सकता है. 3 गैस की समस्या बढ़ने पर चक्कर आ सकते हैं. 4 गैस की वजह से उल्टी हो सकती है. 5 एसिडिटी का संकेत हो सकता है. 6 आंतों की गैस ऊपर की तरफ चढ़ जाए, तो सीने में दर्द हो सकता है. 7 ज्यादा गैस बनने से पेट फूल सकता है. ऐसे मिलेगी निजात:- 1 खाना खूब चबा-चबाकर खाएं. 2 मौसमी फल भरपूर खाएं. 3 पचास की उम्र के बाद दही, छाछ खाएं, पर दूध और दूध से बनी चीजें कम करें. 4 एंटीबायोटिक दवाओं से गैस हो, तो डॉक्टर को बताएं. 5 जंकफूड, तैलीय और मैदा वाली चीजें कम खाएं. 6 योगासन-व्यायाम को नियमित दिनचर्या में शामिल करें. 7 दिन में दो-तीन बार नीबू-पानी पिएं. दिन में 8-10 गिलास पानी पिएं. 8 खाना खाने के तुरंत बाद पानी न पिएं. 9 खाने के बाद एक चम्मच अजवायन गुनगुने पानी से लें. अगर थकान करे हलकान: मेहनत करेंगे, तो थकेंगे भी. शारीरिक या मानसिक श्रम के हिसाब से ऊर्जा के स्तर में उतार-चढ़ाव हमारे शरीर में चलने वाली रोजमर्रा की जैविक क्रिया है. थकान की सामान्य स्थिति में ऊर्जा देने वाले आहार और कुछ देर के आराम के बाद शरीर काम पर चलने के लिए फिर से तैयार हो जाता है. परेशानी तब पैदा होती है, जब थकान दूर होने का नाम न ले. विभिन्न शोधों के अनुसार, भारत में हर चौथा या पांचवां व्यक्ति थकान की समस्या से पीड़ित है. कोरोना वायरस ने इस तरह प्रकृति को पहुंचाया फायदा संयुक्त राष्ट्र : इस खौफनाक मामले को लेकर एक साथ आए 188 देश हजारों मौतों के बाद भी इस देश के लोगों को नही है कोरोना का खौफ