आंख से जुड़ी ये परेशानी बन सकती है कोरोना संक्रमण का कारण

कोरोना संकट में आई फ्लू से संक्रमित मरीजों को सतर्क करने की जरुरत है. वर्षा में यह होने की समस्या  देखने को मिल रही हैं. इसे लेकर बेहद सावधानी बरतने की जरुतत है. कोरोना का एक दुर्लभ लक्षण कंजंक्टिवाइटिस या आई फ्लू भी कहा जाता है. सफदरजंग हॉस्पिटल के नेत्र विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक पंकज रंजन ने बोला कि वर्षा में आई फ्लू की परेशानियां बढ़ जाती है. ऐसे में संक्रमित मरीजों को अधिक सावधान रहने के जरुरत है.इस मौसम में संक्रमण बढ़ने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. लोगों में आई फ्लू की परेशानी देखने को मिल रही है. कोरोना की महामारी भी फ़ैल रही है. कोरोना वायरस मुंह, नाक के अलावा आंखों के द्वारा भी फैल सकता है.

आई फ्लू के लक्षण: चिकित्सक के अनुसार, आई फ्लू होने पर संक्रमित मरीज की आंखों में लालपन होगा. उसे जलन व दर्द एहसास होगा. आंखों से पानी आने लगता है. आंखों में चिपचिपाहट बनी रहेगी व तेज लाइट होने पर देखने में परेशानी होती है.आई फ्लू के ये लक्षण मरीजों में नज़र आते है.

दूसरों के सम्पर्क में ना आएं: चिकित्सक पंकज कहते हैं कि आई फ्लू होने पर किसी दूसरे आदमी से दुरी बनाकर रखे. अपने पर्सनल प्रयोग की वस्तुओं को बिल्कुल भी किसी से शेयर न करें. बिना चिकित्सक के परामर्श के बिना खुद से आंखों में कोई भी दवा ना डालें.

मरीजों में इस लक्षण के दिखने की दर 0.8 फीसदी: एम्स के आरपी सेंटर में कार्यरत वरिष्ठ रेजिडेंट चिकित्सक अश्वनी कुमार बेहरा ने कहा है कि कोरोना के लक्षण में कंजंक्टिवल कंजेशन भी शामिल है, जो आई फ्लू कहा जाता है. कोरोना से संक्रमित मरीज में अन्य लक्षण होते हैं. बुखार की दर 87.9 प्रतिशत, सूखी खांसी की दर 67.7 प्रतिशत सहति कई अन्य लक्षण सम्मिलत हैं. उसी में कंजंक्टिवल कंजेशन के लक्षण नज़र आने की दर 0.8 प्रतिशत है. ऐसे में लोगों को ज्यादा घबराने की जरुरत नहीं है.

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