ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मानव जीवन कुंडली पर आधारित होता है और कुंडली ब्रम्हाण्ड मे व्याप्त गृहों पर आधारित होती है। इन गृहों की वजह से ही मानव जीवन प्रभावित होता है। ऐसे में अगर मंगल गृह की बात करें, तो इसे अशुभ गृह का दर्जा दिया जाता है। इसका असर मानव जीवन में हानिकारक होता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल होता है, उसे शादि जैसे शुभ कार्य करने में काफी परेशानी होती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसका कोई भी समाधान न निकले। मानव जीवन की हर समस्या का समाधान निश्चित है, उसी प्रकार कुंडली में मंगल दोष का भी समाधान निश्चित है। कैसे बनता है मांगलिक दोष- यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के प्रथम या चतुर्थ या सप्तम या अष्टम या द्वादश भाव में मंगल स्थित हो, तो ऐसी कुंडली मांगलिक मानी जाती है। हांलाकि मांगलिक योग हर स्थिति में अशुभ नहीं होता है। कुछ लोगों के लिए यह योग शुभ फल देने वाला भी होता है। जिन लोगों की कुंडली मांगलिक होती है उन्हें प्रति मंगलवार, मंगलदेव के निमित्त विशेष पूजन करना चाहिए। मंगलदेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी प्रिय वस्तुओं जैसे लाल मसूर की दाल, लाल कपड़े का दान करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार मंगल दोष का निवारण मध्यप्रदेश के उज्जैन में हो सकता है। उज्जैन मंगल देव का जन्म स्थान है और मंगल के दोषों का निवारण यहां किए जाने की मान्यता है। मंगलदेव के निमित्त भात पूजा की जाती है। जिससे मंगल दोषों की शांति होती है। मंगल कर सकता है आपके जीवन को मंगल न हो परेशान ऐसे मिलेगी मंगलदोष से मुक्ति आखिर क्यों मंगल को अशुभ माना जाता है? जल्द एक बार फिर नज़र आएगी ये जोड़ी