आज के आधुनिक समय में भूत, प्रेत के विषय में बात करना कई व्यक्तियों के समक्ष अपने आप को हास्य का विषय बनाना होता है कई व्यक्ति ऐसे भी है जो इन विषयों पर विश्वास करते है और भूत, प्रेत, आत्मा आदि को मानते है. ऐसा माना जाता है की व्यक्ति उसकी मृत्यु के बाद कई योनियों में जन्म लेता है जिसमे से एक योनी अदृश्य आत्मा की होती है जो बहुत ही ताकतवर और डरावनी होती है. शास्त्रों में बताया गया है की भूत, प्रेत की कई जातियां होती है जैसे भूत, प्रेत, राक्षस, पिशाच, यम, शाकिनी, डाकिनी, चुड़ैल, गन्धर्व आदि. इनके स्वभाव में दुःख व अशांति होती है जो अपने को इस योनी से मुक्त करने वाले को ढूंढते रहते है. कई बार एकांत में हमारे साथ ऐसा होता है की हमें कुछ अजीब से एहसास होते है और अजीब सी आवाज आती किन्तु यदि हम पीछे पलटकर देखते है तो वहां कुछ नहीं होता है यदि आपके साथ भी ऐसा होता है तो आपको यह जानना जरूरी है. यदि किसी भूत प्रेत ने आपके किसी अपने को प्रभावित किया है तो शनिवार के दिन सवा किलो दलिया गुड़ के साथ बना लें और इसे एक मिट्टी की हांडी में डालकर सूर्यास्त के बाद उस व्यक्ति के शरीर से जिसे भूत, प्रेत ने प्रभावित किया है बाएं से दाएं घुमाते हुए उतारें और अब इस हांडी को बिना किसी को बताए किसी चौराहे पर ले जाकर रख दें. वहां से वापस आते वक्त पीछे पलटकर न देखें और न ही किसी से बात करें. जिसे भूत, प्रेत से भय लगता है या उसे ऐसा लगता है की कोई साया उसका पीछा कर रहा है तो उसके गले में “ॐ” या “रुद्राक्ष” को अभिमंत्रित करवाकर पहना दें तथा उसके माथे पर चन्दन, केसर और भभूत का तिलक लगाएं व हांथ में रक्षासूत्र बाँध दें. यदि कोई व्यक्ति प्रत्येक मंगलवार और शनिवार हनुमान चालीसा व गजेन्द्र मोक्ष का पाठ करता है तो उसे किसी भी प्रकार का भय नहीं लगता है. नहीं आती अगर रातों को नींद तो कर लें ये काम कभी न पालें ये 5 आदतें वरना सर्वनाश निश्चित है रसोईघर में किये गए ये काम आपको पड़ सकते है भारी सुबह-शाम करें ये काम सकारात्मक ऊर्जा का होगा संचार इन 6 पौधों में से एक को लगा लें अपने घर बनी रहेगी सुख समृद्धि