निजी कंपनियों के हाथों में जाएंगे ये 3 एयरपोर्ट, बदल जाएगा बहुत कुछ

नई दिल्ली: बीते मई महीने में पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान का शुभारंभ किया था. इसके तहत देश के विभिन्न सेक्टर को कर्ज देकर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, कुछ क्षेत्रों में निजीकरण का भी विस्तार किया जा रहा है. इसी में से एक सेक्टर एविएशन का है. दरअसल, आत्मनिर्भर अभियान के तहत सरकार ने जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे को सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के माध्यम से 50 साल के लिए लीज पर देने का फैसला किया है.

बता दें कि ये हवाई अड्डे 50 साल के लिए मैसर्स अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के नियंत्रण में आ गए हैं. दरअसल, इसके लिए नीलामी के माध्यम से टेंडर मंगाया गया था. सबसे अधिक बोली अडानी ग्रुप ने लगाया है. PPP मॉडल का मतलब पूरी तरह से निजीकरण नहीं है. इसमें सरकार के अंतर्गत आने वाली एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की भी साझेदारी रहेगी. फिलहाल, PPP मॉडल के तहत 50 वर्षों तक के लिए हवाई अड्डे को लीज पर दिया गया है. इसके बाद ये तीनों हवाई अड्डे फिर से एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को वापस मिलेंगे.

PPP मॉडल के तहत तीनों हवाई अड़डों का ऑपरेशन, मैनेजमेंट और डेवलपमेंट प्राइवेट कंपनी करेगी. यात्रियों के लिए हवाई अड्डे पर पार्किंग, बिल्डिंग के भीतर सभी दुकानों का संचालन प्राइवेट कंपनी करेगी. इसके अलावा एयरलाइंस के साथ ग्राउंड हैंडलिंग से जुड़े तमाम कार्य प्राइवेट कंपनी करेगी.

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