आम घरों से उठाकर स्टार बन गए ये दो प्लेयर

FIFA वर्ल्ड कप 2022 का फाइनल मुकाबला रविवार को फ्रांस और अर्जेंटीना के बीच लुसैल स्टेडियम में होने वाले है। मुकाबले में मैसी, अल्वारेज, गिरौद, ग्रीजमैन और एम्बाप्पे जैसे स्टार्स पर नजरें रहेंगी जोकि आम घरों से होने के बावजूद अपनी मेहनत के बलबूते इस मंजिल तक पहुंच गए है। 

लियोनेल मैसी : डैब्यू मैच के पहले 45 सैकेंड में ही हो गए बाहर: मैसी अपना डैब्यू मैच कभी भूल नहीं सकते। 17 अगस्त 2005 को एक दोस्ताना मैच में अर्जेंटीना के लिए हंगरी के विरुद्ध मैसी मैच में उतरे। वह 45 सैकेंड के भीतर ही रैफरी द्वारा मैदान से बाहर भेज दिए गए क्योंकि उन्होंने हंगरी के डिफैंडर को ड्रिब्लिंग के दौरान कोहनी मारी है। साथी समर्थन में आए थे लेकिन मैसी खुद ही मैदान से बाहर जा चुके है। एक वह दिन था और एक आज, मैसी उसी अर्जेंटीना टीम के कप्तान हैं। मैसी को अपने खेल के दिनों में स्पेन ने भी अपनी ओर से खेलने की ऑफर दी थी। तब स्पेन के पास बेहद मजबूत टीम भी की है। इसी टीम ने 2008 से लेकर 2012 तक कई बड़े टूर्नामैंट जीते। जिनमे FIFA वर्ल्ड कप 2010 भी शामिल था। मैसी ने स्पेन जाने की बजाय अर्जेंटीना से ही खेलने का फैसला लिया था। 

जूलियन अल्वारेज : ड्राइवर से ली कोचिंग, सफल हुए तो लेकर दी कार: कॉर्डोबा प्रांत के मध्य में कैलचिन के छोटे से गांव में पैदा हुए जूलियन अल्वारेज स्थानीय क्लब एटलेटिको कैलचिन से खेल रहे है। उनके पहले कोच राफेल वरस। वारस दिन में ड्राइवर का कार्य करते थे और रात में एटलेटिको में कोचिंग। उन्होंने अल्वारेज की प्रतिभा को पहचाना। वरस ने बोला है कि मुझे याद है, जब वह लगभग 8 या 9 साल का था, उसने चार या 5 प्रतिद्वंद्वियों को छकाया और एक गोल कर दिया। तभी मुझे एहसास हुआ कि हमारे पास एक अलग तरह का खिलाड़ी है, जो विश्व स्टार हो सकता है। अल्वारेज भी अपने पहले कोच की मेहनत को नहीं भूले। 2020 की शरद ऋतु में वह वरस के पास गए और उन्हें नई डिलीवरी वैन लेकर दी। अनुभवी कोच ने स्वीकारा कि अल्वारेज के पिता द्वारा लाया गिफ्ट देखकर उनकी आंखों में आंसू आ चुके है।

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