वास्तुशास्त्र के बारे में वैसे तो सभी जानते होगे। इसका इस्तेमाल आमतौर पर लोगो को सरल व खुशियों भरा जीवन जीने के लिए किया जाता है। लेकिन कुछ कारण ऐसे भी होते हैं जिसमें आप अंजाने में अपने घर वास्तुदोष का समावेश कर बैठते हैं जिसकी वजह से घर कि खुशियों को किसी की नजर लग जाती है। आज हम आपको वास्तुदोष से संबधित एक ऐसा कारण बताने जा रहे हैं जिसे अमतौर पर हर इंसान अनदेखा कर देता है लेकिन असल में वही आपके घर वास्तुदोष का मुख्य कारण बन जाता है। जी हां दरअसल हम यहां पर आपके घर मौजूद शौचालय की बात कर रहे है। जिसे मनुष्य अपनी सुविधा अनुसार तो बनवा लेता है लेकिन इससे घर में वास्तुदोष उत्पन्न होने लगता है तो चालिए जानते हैं वास्तुदोष उत्पन्न होने में शौचालय किस प्रकार से अहम होता है? आजकल टाॅयलेट और बाथरूम एक साथ बनवाने का चलन बढ गया है। लेकिन शौचालय और बाथरूम एकसाथ नहीं बनाने चाहिए। अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो उनके बीच में एक दीवार अवश्य खड़ी करवाएं। शौचालय का निर्माण कभी ही मध्य स्थान, ईशान कोण, दक्षिण पश्चिम कोण या आग्नेय कोण की ओर नहीं होना चाहिए। घर के मध्य भाग में शौचालय भूल से भी न बनवाएं। एक तो यह निर्माण की पूरी व्यवस्था को बिगाड़ देता है, वहीं इससे आपकी प्रगति में रुकावट आती है और घर के सदस्य हमेशा बीमार ही रहते हैं। वहीं दक्षिण पश्चिम कोण में बने शौचालय से हमेशा घर के मुखिया के स्वास्थ्य और जीवन में समस्याएं पैदा होती रहती हैं। इसके अलावा ईशान कोण पर होने से आर्थिक परेशानियां एवं मानसिक रूप से आप हमेशा अस्थिर बने रहते हैं। कोशिश करें कि घर में शौचालय की सीट पश्चिमी या दक्षिणी दिशा में हो। दरअसल शौचालय का इस्तेमाल करते समय आपका चेहरा उत्तर, पश्चिम या दक्षिण दिशा में होना चाहिए। ऐसे कमोड का दक्षिण-पश्चिम में होना सबसे उत्तम होता है। इसके अतिरिक्त घर में प्रवेश करते ही सामने शौचालय होना भी वास्तु शास्त्र में सही नहीं माना जाता। ऐसा होने से व्यक्ति को हमेशा ही पेट संबंधी बीमारियों का सामना करना पडता है। भगवान शिव की शादी का ये रहस्य आपको भी हैरान कर देगा धार्मिक कामों में किया गया दिखावा किसी पाप से कम नहीं कलयुग में पाना है हनुमान जी की कृपा तो कर लें ये काम धरती पर मौजूद यह तीन चीज इंसान को पहुचाते है स्वर्ग