आज हम आपको बताने जा रहे हैं सितंबर माह के तीसरे सप्ताह में कुछ महत्वपूर्ण व्रत एवं त्यौहार की लिस्ट. जी दरअसल इस सप्ताह गणेश चतुर्थी व्रत, विश्वकर्मा पूजा, महालक्ष्मी व्रत, जीवित्पुत्रिका व्रत और मातृ नवमी आने वाली है और इन सभी के अलावा पितृ पक्ष की महत्वपूर्ण तिथियां जो तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी श्राद्ध और मातृ नवमी आने वाली हैं. तो आइए जानते हैं इस सप्ताह के त्यौहार. 17 सितंबर: गणेश चतुर्थी व्रत. विश्वकर्मा पूजा. 17 सितंबर: गणेश चतुर्थी व्रत. विश्वकर्मा पूजा. गणेश चतुर्थी व्रत- आपको बता दें कि यह मासिक व्रत है. इस दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा होती है, जो विघ्न बाधाओं को दूर कर मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. विश्वकर्मा पूजा- इस वर्ष भगवान विश्वकर्मा की जयंती या विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर दिन मंगलवार को मनाई जा रही है और इस दिन भगवान विश्वकर्मा की विधि विधान से पूजा-अर्चना करने पर व्यवसाय और रोजगार में तरक्की मिलने के आसार बनते हैं. 18 सितंबर: चतुर्थी श्राद्ध. भरणी श्राद्ध. 19 सितंबर: पंचमी श्राद्ध. चंद्र षष्ठी व्रत. 20 सितंबर: षष्ठी श्राद्ध. 21 सितंबर: सप्तमी श्राद्ध. महालक्ष्मी व्रत. कालाष्टमी. महालक्ष्मी व्रत- जी दरअसल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से महालक्ष्मी व्रत का प्रारंभ हुआ था, जो 16 दिनों तक चलता है. कहते हैं इसी के मुताबिक़, 21 सितंबर को महालक्ष्मी व्रत का समापन होगा. इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा विधि विधान से किया जाता है. 22 सितंबर: अष्टमी श्राद्ध. जीवित्पुत्रिका व्रत. अशोकाष्टमी. जीवित्पुत्रिका व्रत- जी दरअसल महिलाएं संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत रखती हैं और इस व्रत में जल ग्रहण नहीं किया जाता है. कहते हैं इस व्रत को कई जगहों पर जिउतिया भी कहते हैं. 23 सितंबर: मातृ नवमी. मातृ नवमी- आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी कहा जाता है और पितृ पक्ष में इस दिन मां, दादी, नानी आदि का श्रद्धा कर्म करते हैं. विश्वकर्मा जयंती पर करें भगवान विश्वकर्मा को इस आरती से खुश आज है विश्वकर्मा जयंती, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि दिन के अनुसार लगाए माथे पर तिलक, मिलेंगे शुभ परिणाम