नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पश्चिमी मीडिया की आलोचना करते उसे खूब लताड़ लगाई है. जयशंकर ने कहा कि उन्होंने कहा कि पश्चिमी मीडिया जानकारी के अभाव के कारण नहीं, बल्कि चुनावों को प्रभावित करने के मकसद से ‘पॉलिटिकल प्लेयर’ के तौर पर काम करती है. प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को हैदराबाद में राष्ट्रवादी विचारकों के लिए एक मंच को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'मैं पश्चिमी मीडिया से इस प्रकार की बहुत खबरें सुनने को मिलती है तथा यदि वे हमारे लोकतंत्र की आलोचना करते हैं, तो ऐसा इसलिए नहीं है, क्योंकि उनके पास जानकारी की कमी है. वो ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे भी हमारे चुनाव में ‘पॉलिटिकल प्लेयर’ हैं.' पश्चिमी देशों की मीडिया के एक लेख, जिसमें बताया गया है कि, 'भारत में इतनी गर्मी में वे चुनाव क्यों करा रहे हैं?', लेकिन जयशंकर ने कहा, 'अब मैंने वह लेख पढ़ा है तथा मैं बोलना चाहता हूं कि, उस गर्मी में मेरा सबसे कम मतदान आपके सबसे अच्छे दौर में सबसे ज्यादा मतदान से ज्यादा है. ये ऐसे खेल हैं जो भारत के साथ खेले जा रहे हैं. यह राजनीति है. ये हमारी घरेलू राजनीति है जो वैश्विक हो रही है, वैश्विक राजनीति जो महसूस करती है कि उन्हें अब भारत में घुसपैठ करनी चाहिए. ये लोग हमसे परामर्श किए बिना यह कैसे तय कर सकते हैं कि उन पर शासन कौन करेगा?" वही इसके अतिरिक्त, जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि "वे (पश्चिम) वास्तव में सोचते हैं कि वे हमारे मतदाता हैं. मुझे लगता है कि आज वक़्त आ गया है कि हम उनके भ्रम को तोड़े और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका आत्मविश्वास है." विदेश मंत्री ने इस तरह के हमलों एवं आलोचनाओं तथा रैंकिंग और रिपोर्टों के खिलाफ खड़े होने की जरुरत पर जोर देते हुए कहा कि वे हर चीज पर सवाल उठाएंगे. उन्होंने कहा, 'वे आपकी चुनाव प्रणाली, आपके EVM, आपके चुनाव आयोग, यहां तक कि मौसम पर भी सवाल उठाएंगे. तथा एक शिकायत यह है... भाजपा बहुत खराब पार्टी है, भाजपा सोचती है कि वह बहुत बड़ी जीत हासिल करने जा रही है.' जयशंकर ने कहा, 'सरकार जो फैसला ले रही है, वह केवल अगले 5 सालों के लिए नहीं है बल्कि इस फैसलों से हमारे देश, हमारे समाज एवं हमारी आने वाली पीढ़ियों को बहुत बड़ा विश्वास मत मिलेगा. यह गारंटी आत्मविश्वास की अभिव्यक्ति की है. बीते 10 सालों में हमने जो किया है यह उसके आधार पर विश्वास की अभिव्यक्ति है.' उन्होंने बताया कि बीते 10 सालों में भारत को विश्वभर में किस प्रकार से महत्व दिया गया है यह सब जानते हैं. देश आज अगले 25 सालों के लिए किस प्रकार की तैयारी कर रहा है, यही वह मानसिकता है जिसके साथ हमें दुनिया के सामने आने की आवश्यकता है. इसके अतिरिक्त, जी20 शिखर सम्मेलन को याद करते हुए जयशंकर ने कहा कि प्रेसीडेंसी के चलते, कई देश भारत से जुड़ना चाहते थे. उस वक़्त को याद करते हुए जब भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली, जयशंकर ने कहा, "जब हमें जी20 की अध्यक्षता मिली, वह 1 दिसंबर, 2022 का दिन था. मुझे लगता है कि दुनिया के अधिकांश लोगों ने कहा- आप जानते नहीं हैं कि आप लोग कहां फंस गए हैं. आप जानते हैं कि यह कैसे होने वाला है. आपको इस इवेंट को मैनेज करने में बहुत मुश्किल होगी... जब G20 शिखर सम्मेलन हुआ, तो हम वास्तव में आम सहमति बनाने में कामयाब रहे. जब कुछ होता है, तो लोग सिर्फ फाइनल रिजल्ट देखते हैं, पर्दे के पीछे किया गया काम नहीं." उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि जब G20 की बैठक हुई तो पुरे विश्व में ना सिर्फ भारत के लिए बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए भी व्यक्तिगत रूप से बहुत सम्मान था. महाकाल को तपती गर्मी से बचाने के लिए गर्भगृह में बांधी गई गलंतिका 'टिकट के लिए मैं भी एक दावेदार हूं लेकिन अंतिम फैसला...', उम्मीदवारी को लेकर बोले बृजभूषण शरण सिंह 'हर सड़क पर लाउडस्पीकर से अजान सुनने का था सपना लेकिन अब मस्जिद बनाने का प्लान भी हुआ कैंसल', बोला ‘किम दाऊद’