मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक चव्हाण ने लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक को एक और झटका देते हुए सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। यह घटनाक्रम महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं बाबा सिद्दीकी और मिलिंद देवड़ा द्वारा सबसे पुरानी पार्टी छोड़ने के कुछ दिनों बाद आया है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नाना पटोले को लिखे एक पंक्ति के इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि, "मैं 12/02/2024 को दोपहर से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंपता हूं।" 65 वर्षीय नेता ने विधायक पद से अपना इस्तीफा भी स्पीकर को भेज दिया है। स्पीकर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि, "अशोक चव्हाण ने आज रात 11.24 बजे विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को विधायक पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया है। विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।" सूत्रों के मुताबिक, भाजपा चव्हाण को राज्यसभा सीट की पेशकश कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि 10 से 12 विधायक भी चव्हाण के संपर्क में हैं और आने वाले समय में पाला बदल लेंगे। चव्हाण के अगले कदम के बारे में अटकलों के बीच, भाजपा नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इंतजार करने और देखने के लिए कहा कि क्या होगा। फडणवीस ने कहा कि, "मैंने मीडिया से अशोक चव्हाण के बारे में सुना। लेकिन अब मैं केवल यही कह सकता हूं कि कांग्रेस के कई अच्छे नेता भाजपा के संपर्क में हैं। जो नेता जनता से जुड़े हुए हैं, वे कांग्रेस में घुटन महसूस कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि कुछ बड़े चेहरे कांग्रेस में शामिल होंगे। आगे-आगे देखिए होता है क्या। बता दें कि, चव्हाण ने दिसंबर 2008 से नवंबर 2010 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था, वे महाराष्ट्र में कांग्रेस के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक माने जाते हैं। वह एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री शंकरराव चव्हाण के पुत्र हैं। उन्होंने महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव सहित पार्टी के भीतर विभिन्न पदों पर काम किया है। MP में हुआ मानव तस्कर गिरोह का पर्दाफाश, छोटे बच्चों के जरिए पुलिस को ऐसे चकमा देती थी महिलाऐं कांग्रेस को एक और बड़ा झटका, कैलाश द्विवेदी समेत कई नेताओं ने थामा BJP का दामन विधानसभा में 'संदेशखाली' पर चर्चा की मांग कर रहे 6 भाजपा विधयाकों को ममता सरकार ने किया निलंबित