सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत आज, जानिए पूजा-विधि और उपाय

आज सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत है, जो प्रत्येक वर्ष सावन मास के सभी मंगलवार को किया जाता है। इस व्रत का उद्देश्य माता पार्वती यानी गौरी को प्रसन्न करना है, और इसका खास महत्व विवाहित महिलाओं के लिए होता है। इसके अतिरिक्त, यदि किसी को मंगल दोष की समस्या हो, तो इस दिन की पूजा बहुत लाभकारी हो सकती है। सावन के तीसरे मंगलवार को माता मंगला गौरी की विधिवत पूजा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। 

पूजा विधि:- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें तथा साफ कपड़े पहनें। तत्पश्चात, हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें। फिर मंदिर की सफाई करें और एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर देवी पार्वती, भोले शंकर और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। पूजा के चलते, देवी को फल, फूल, मिठाई आदि अर्पित करें। मां पार्वती को सिंदूर का तिलक लगाएं तथा उनके सामने घी का दीपक जलाएं। फिर, लाल चूड़ियां, लाल बिंदी, लाल चुनरी, मेहंदी आदि सुहाग का सामान अर्पित करें और व्रत की कथा सुनें। पूजा के समय मां मंगला गौरी से सौभाग्य की प्रार्थना करें।

उपाय: अगर विवाह में मंगल दोष या अन्य कारणों से समस्या आ रही है, तो मां पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें। पूजा में मंगला गौरी के चमत्कारी मंत्र ‘ॐ गौरीशंकराय नमः’ का 108 बार जाप करें। पूजा के बाद, मां गौरी के चरणों में सिंदूर चढ़ाएं और उसे माथे पर तिलक के रूप में लगाएं। इस उपाय से शीघ्र विवाह के योग बन सकते हैं।

मंगला गौरी व्रत के चमत्कारी मंत्र: सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

ॐ उमामहेश्वराय नमः ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा।।

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