एमी लुईस, जो मात्र 19 साल की है, अब एक दुर्लभ और जटिल बीमारी के साथ जी रही है, जिसे फंक्शनल न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (FND) और फंक्शनल हाइपरकिनेटिक मूवमेंट डिसऑर्डर (FHMD) कहा जाता है। हाल ही में सर्दी की वजह से उसे उल्टी की समस्या हुई और वह अचानक से चलने-फिरने में अक्षम हो गई। यह बेहद हैरान करने वाली स्थिति है, खासकर तब जब वह पहले से एक स्वस्थ और फिट युवती थी। इस लेख में हम जानेंगे कि ये दोनों दुर्लभ बीमारियां क्या हैं और एमी लुईस को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। फंक्शनल न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (FND) और इसके प्रभाव फंक्शनल न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (FND) एक ऐसी स्थिति है जो मस्तिष्क की सूचना भेजने और प्राप्त करने की क्षमता को प्रभावित करती है। इसका सीधा असर शरीर के अन्य हिस्सों पर भी पड़ता है। FND के कारण एमी को ब्रेन फॉग, मांसपेशियों में ऐंठन, टिक्स और कंपकंपी जैसी समस्याएं हो रही हैं। इसके साथ ही उसे प्रतिदिन दौरे पड़ने लगे हैं, जो उसकी रोजमर्रा की जिंदगी को पूरी तरह से बाधित कर रहे हैं। फंक्शनल हाइपरकिनेटिक मूवमेंट डिसऑर्डर (FHMD) फंक्शनल हाइपरकिनेटिक मूवमेंट डिसऑर्डर (FHMD) एक और दुर्लभ स्थिति है जो अनचाही गतिविधियों का कारण बनती है। यह डिसऑर्डर एमी के जीवन में कई तरह की परेशानियां ला रहा है। FHMD के कारण उसे लगातार दौरे पड़ रहे हैं और उसकी मांसपेशियों में असामान्य हरकतें होने लगी हैं। कैसे पता चला इस दुर्लभ बीमारी का? एमी लुईस की बीमारी का पता तब चला जब उसे 17 साल की उम्र में अचानक झटके और शारीरिक मरोड़ का अनुभव हुआ। तब से लेकर अब तक उसकी स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। शुरुआत में उसके परिवार ने इसे सामान्य सर्दी-खांसी समझा, लेकिन जब स्थिति बिगड़ने लगी, तो डॉक्टरों ने उसकी जांच की और उसे FND और FHMD का निदान दिया। अब एमी को चलने-फिरने के लिए व्हीलचेयर की जरूरत पड़ती है, और वह ठीक से बोल भी नहीं पाती है। डिसऑर्डर से कैसे बचें? फंक्शनल डिसऑर्डर के इलाज में डॉक्टर मरीज की पूरी जांच करवाने की सलाह देते हैं। सिरदर्द, लकवा, हाथ-पैर सुन्न होना, या मिर्गी के झटके जैसी समस्याओं के लिए सीटी स्कैन, ईसीजी, ईईजी, और एनसीवी जैसी जांचें आवश्यक हो सकती हैं। इसके बाद ही इलाज को आगे बढ़ाया जा सकता है। अमेरिका में FND और FHMD के मामले अधिक क्यों? एक्सपर्ट्स के अनुसार, FND और FHMD जैसी दुर्लभ बीमारियां दुनियाभर में मौजूद हैं, लेकिन अमेरिका में इनकी संख्या ज्यादा है। इसका एक कारण यह हो सकता है कि जब किसी के मन में किसी तरह की इच्छा या तनाव दबा होता है और वह उसे पूरा नहीं कर पाता है, तो ऐसी बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। यह बीमारियां मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित करती हैं, और इनके इलाज के लिए गहन मनोवैज्ञानिक और चिकित्सीय सहायता की जरूरत होती है। मास हिस्टीरिया: एक रहस्यमयी प्रतिरूप फंक्शनल डिसऑर्डर का एक और रहस्यमयी पहलू है, जिसे मास हिस्टीरिया कहा जाता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब किसी समूह के लोगों में अचानक से एक ही प्रकार की मनोवैज्ञानिक समस्या विकसित हो जाती है। हाइपरकाइनेटिक मूवमेंट डिसऑर्डर ऑटोइम्यून डिसऑर्डर का एक उदाहरण है, जो अक्सर अन्य न्यूरोलॉजिकल और नॉन-न्यूरोलॉजिकल लक्षणों से जुड़े होते हैं। डिसऑर्डर से निपटने के उपाय FND और FHMD जैसे डिसऑर्डर से निपटने के लिए सही समय पर निदान और उपचार बेहद जरूरी है। इसके लिए मस्तिष्क के स्कैन और अन्य चिकित्सीय जांचें आवश्यक हो सकती हैं। इसके अलावा, जीवनशैली में सुधार और मनोवैज्ञानिक सहायता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। रोगियों को इस स्थिति से जूझने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनना होगा, और परिवार के समर्थन की भी आवश्यकता होती है। एमी लुईस की कहानी हमें यह सिखाती है कि दुर्लभ बीमारियों से निपटना आसान नहीं होता, लेकिन सही निदान, उपचार और समर्थन से जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है। FND और FHMD जैसे डिसऑर्डर के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है ताकि मरीजों को समय पर सही इलाज मिल सके। पति की मौत के बाद इस एक्ट्रेस को मिली पब्लिसिटी कॉफी विद करण कॉन्ट्रोवर्सी से डर गए थे के एल राहुल, खुद किया ये बड़ा खुलासा श्रद्धा कपूर और अपारशक्ति खुराना को लेकर अभिषेक ने कह डाली ये बड़ी बात